भोजपुरी कला संरक्षण मोर्चा द्वारा 27वें दिन आरा स्टेशन पर आंदोलन जारी

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संवाददाता.आरा.भोजपुरी कला संरक्षण मोर्चा द्वारा लगातार 27वें दिन आरा रेलवे स्टेशन पर भोजपुरी चित्रकला को सम्मान दिलाने के लिए जनता से संवाद किया गया और परसों हुई अपने पाँच संस्कृतिकर्मी साथियों के गिरफ्तारी के विरोध में काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण ढंग से अपने आंदोलन को जारी रखा गया।

रविवार को मंच संचालन और विषय प्रवेश करते हुए मोर्चा के उप संयोजक सह चित्रकार विजय मेहता ने कहा कि रेलवे प्रशासन द्वारा हमारी मांगो को दबाने का प्रयास किया जा रहा है,जोकि अनैतिक है।वरिष्ठ रंगकर्मी और सामाजिक कार्यकर्ता अशोक मानव ने अपने उद्बोधन में कहा कि आंदोलन को दबाने की सरकारी मंशा विफल हो जाएगी।क्योंकि सभी विधाओं के भोजपुरीभाषी कलाकार जीवटता के प्रतिमूर्ति हैं।हम जिस लक्ष्य को पाने की अभिलाषा करते हैं उसे प्राप्त कर ही थमते हैं।

मोर्चा के कोषाध्यक्ष सह चित्रकार कमलेश कुंदन ने कहा कि कलाकारों की मांग न केवल उनकी रोजी रोटी से जुड़ी है बल्कि संस्कृति के रक्षा की तड़प से भी जुड़ी है।क्योंकि कलाकारों की संवेदनशीलता की तुलना किसी भी सामान्य व्यक्ति से नहीं की जा सकती।

पूर्व वार्ड पार्षद डॉ जितेन्द्र शुक्ल ने कहा कि भोजपुरिया माटी के सोंधेपन को बरकरार रखने के लिए भोजपुरी चित्रकला को मौका देना होगा।चित्रकार रुखसार प्रविण ने कहा कि भोजपुरी चित्रकला को रोजगार से जोड़ कर हमारी गंगा जमुनी संस्कृति को और मजबूत करे रेल प्रशासन।इससे हर धर्म के चित्रकारों को समान अवसर मिलेगा।

दूरभाष से रंगकर्मी और पत्रकार रवींद्र भारती ने कहा कि जब तक भोजुपरी को मिथिला के बराबर सम्मान नही मिलेगा आंदोलन जारी रहेगा और नाट्य प्रस्तुतियों के माध्यम से पूरे जिले में अभियान चला कर लोगों को जोड़ा जाएगा। फेसबुक लाइव कर समाजशास्त्री धर्मेन्द्र कुमार ने माननीय प्रधानमंत्री जी,रेल मंत्री,बिहार और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वय एवं समस्त सांसदों और विधायक से अनुरोध किया कि वे भोजपुरी कला संरक्षण मोर्चा द्वारा लोकचित्रकला, लोकसंगीत, लोकनृत्य को बचाने के लिए किए जा रहे इस अद्वितीय प्रयास का समर्थन करें और जितने भी नए या पुराने सरकारी भवन हैं,वहाँ भोजपुरी चित्रकला का अंकन कराएं ।

धन्यवाद ज्ञापन करते हुए मोर्चा के संयोजक भास्कर मिश्र ने कहा कि आज विश्व में 22 करोड़ से ज्यादा भोजपुरी भाषी हैं।ये लड़ाई उनसबों के हक की लड़ाई है।और इसका नेतृत्व वीर बांकुड़ा बाबू कुँवर सिंह की धरती भोजपुर के संस्कृतिप्रेमी कर रहे हैं।आज के कार्यक्रम को सफल बनाने में रंगकर्मी मनोज श्रीवास्तव,संजय सिंह, मनोज सिंह,कमलदीप कुमार, संजय नाथ पाल, शालिनी श्रीवास्तव,कमलकांत प्रमुख थे।

 

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