बीपीएससी में सफल इन युवाओं ने आर्यभट्ट की भूमि खगौल का नाम किया रौशन

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मधुकर.खगौल.राजधानी पटना से सटे महान वैज्ञानिक आर्यभट्ट की कर्मभूमि खगौल (खगोल) में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है | बीपीएससी 64 वीं की परीक्षा में खगौल की बेटी जया कुमारी, रेणु कुमारी ,स्वेता कुमारी . राहुल कुमार और प्रबोध कुमार ने पूरे खगौल का नाम रौशन किया है। ये सभी साधारण परिवार के होने के बावजूद इस मुकाम को हासिल किया है। इन सबों को सफलता मिलने के बाद से ही इनके घरों पर बधाईयों देने वालों का तांता लगा हुआ है। स्थानीय पाटलिपुत्र सांसद एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने भी सबों के घर पहुंचकर बधाई दी है।

सामान्य प्रशासनिक सेवा के संयुक्त सचिव पद से सेवानिवृत खगौल निवासी भीम प्रसाद एवं नीलम देवी की पुत्री स्वेता कुमारी बीपीएससी में सफल होकर  राजस्व विभाग में योगदान करेगी | डीएवी वाल्मी,फुलवारी और पटना वोमेन्स कॉलेज से शिक्षा पाने वाली स्वेता सफलता का श्रेय अपने माता-पिता ,पति अलोक आनंद,भाई राकेश रौशन पूरे परिवार,साथी को देना चाहूंगी | स्वेता के दो बच्चे एक बेटा शिवांश आनंद और बेटी श्रीआनंद है | स्वेता ने कहा मेरा प्रयास होगा किसी भी तरह के विवाद को सब से पहले आपसी मेलजोल से सुलह कराना होगा |

बीपीएससी 64 वीं की परीक्षा में परचम लहराने वाली जया कुमारी, पेशे से किसान जगत प्रसाद एवं मां सुनीता कुमारी , जो रेलवे अस्पताल दानापुर में मुख्य नर्सिंग अधीक्षक हैं की बेटी है | उन्होंने मगध विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की है. जया कुमारी अपनी इस उपलब्धि को लेकर कहा कि मेरे लिए यह एक सपने के सच होने जैसा है। डीएसपी बनकर वो समाज में महिलाओं के सशक्तिकरण और सुरक्षा के लिए काम करना चाहती हैं। मेरे लिए अपने माता-पिता का ख्याल रखना उतना ही जरूरी था, जितना मेरे सपनों को उड़ान भरना। लेकिन इसके बाद भी अपना मकसद नहीं भूली क्योंकि मैं हमेशा से अपने देश की सेवा करना चाहती थी। अपनी इस सफलता से बेहद खुश हूं। पहले से ही जया का सपना प्रशासनिक सेवा में जाना था, इसलिए उसने बीपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी। अपने लक्ष्य को पाने के लिए जया ने कड़ी मेहनत की है, जिसके चलते उन्होंने खुद को  परिवार से दूर रखा।

दल्लुचक निवासी एवं डीआरएम ऑफिस के वाणिज्य विभाग में सुपरवाइजर के पद से सेवानिवृत रेलकर्मचारी, वेहतरीन फुटबॉल खिलाड़ी रघुनाथ प्रसाद (राघो) एवं माँ गायत्री देवी की सबसे बड़ी बेटी रेनू कुमारी ने बीपीएससी में सफलता अर्जित की है| जिसे पुलिस प्रशासनिक विभाग में डीएसपी पद पर कार्यरत होने का सौभाग्य मिलेगा|रेनू का कहना है कि बचपन से पुलिसिया कार्य को देखती आयी हूँ,बस मैं इतना कहना चाहूंगी की मैं एक महिला होने की वजह से भी महिलाओं की समाज में भागीदारी और उसकी मज़बूरी के साथ-साथ सामाजिक लज्जा में पीड़ा झेलने की परिस्थितियों को अभी भी देख रही हूँ| इस पर मेरा पूरा फोकस होगा की इस में सकारात्मक सोंच के साथ कैसे नारी को सम्मान मिले,प्रताड़ना से मुक्ति मिले| सम्मान के साथ सब को जीने का हक़ मिले,ऐसा प्रयास करूंगी |

जयराम बाजार निवासी उमा प्रसाद गुप्ता एवं सुशीला देवी के पुत्र राहुल कुमार ने अपनी सफलता के बारे में बताया की उन्होंने बचपन से ही प्रशासनिक सेवा में जाने का सपना देखा था जो आज उनकी कड़ी मेहनत और  परिवार वालों के सहयोग और लगातार प्रोत्साहन के कारण पूरा हो गया। राहुल अपनी पढाई स्थानीय सेंटकरेंस और डीएवी स्कूल वाल्मी से प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त किया है | राहुल कुमार ने बताया की वह अपने कॉलेज में भी टॉप-3 छात्रों में रहते रहे हैं, राहुल ने बताया कि वह जयपुर इंजीरिंग कॉलेज से मेकनिकल में बीटेक भी किया है | कई सारे परीक्षाएं जैसे गेट ,इंडियन आर्मी, एसएसबी भी दी और इनमें से कुछ परीक्षा में सफलता प्राप्त की। इसी दौरान उन्होंने बीपीएससी की परीक्षा की तैयारी भी शुरू कर दी जिसमें बीपीएससी 63वें अंतिम रूप से चयनित नहीं हो पाए । लेकिन राहुल ने हार नहीं माना और फिर से जमकर तैयारी की और अन्तः बीपीएससी 64वें में सफलता प्राप्त कर ही दम ली। राहुल ने कहा मुझे पुलिस प्रशासनिक विभाग में डीएसपी पद पर सेवा देनी है | मेरा हर संभव प्रयास होगा सब से पहले की छवि में सुधार लाना,महिलाओं के साथ-साथ सबों का सम्मान,समुचित न्याय दिलाना और किसी को वेवजह परेशान नहीं किया जाना होगा |

बीपीएससी में सफल गाड़ीखाना निवासी शिक्षक पद से सेवानिवृत राजबल्लव प्रसाद के पुत्र प्रबोध कुमार का कहना है कि मैं जिस परिवार से आता हूँ,मेरे लिए नौकरी बहुत ही जरुरी है | पर मैं अपनी इस सफलता से फिलहाल संतुष्ट नहीं हूँ | मेरी मंजिल अभी दूर है,वहां पहुंचना है | इस से पहले हम दिल्ली में विजंस करने गये थे,वहाँ लगा मुझे इस से बढ़ कर कुछ अच्छा करना है ,तैयारी में जुट गया और पहली बार में ही सफलता मिली है | इसका श्रेय परिवार का सहयोग के साथ साथ ,मेरा मिशन , इस से कुछ और अच्छा करने का है | आगे देखें क्या हो पाता है | फ़िलहाल मुझे आपूर्ति निरीक्षक का कार्य मिलेगा | मैं चाहुंगा जिस पद पर भी रहूँ,सरकारी योजनाओं का लाभ, सही व्यक्ति तक बिना परेशानी का पहुंचे |

 

 

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