शनि जयंती:जयंती पर न करें ये काम, इस तरह करें पूजा

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148 साल बाद शनि जयंती के दिन सूर्य ग्रहण

आज ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या(10 जून) के दिन शनि जयंती का पर्व मनाया जा रहा है। 148 साल बाद शनि जयंती के दिन सूर्य ग्रहण भी है इसलिए जानना जरूरी है कि इसका कैसा प्रभाव होगा।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन शनिदेव का जन्म हुआ था। शनि जयंती का दिन भगवान शनि की कृपा प्राप्त करने और कुंडली में शनिदोष से मुक्ति के लिए बेहद शुभ माना जाता है। शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है, वह कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। जिन व्यक्तियों की कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में हैं या फिर शनि महादशा चल रही है तो इस दिन पूजा विधि-विधान से करके शनिदेव को प्रसन्न किया जा सकता है और कुंडली में मौजूद दोषों का निवारण कर सकते हैं।

हालांकि शनि जयंती के दिन कुछ ऐसी बातें हैं, जिनका विशेष ध्यान रखना होता है। शास्त्रों में कुछ ऐसे कार्य बताए गए हैं, जिनको न केवल शनि जयंती के दिन बल्कि कभी भी नहीं करने चाहिए, ऐसा करने से शनिदेव कुपित हो सकते हैं। आइए जानते हैं ऐसे कौन से कार्य हैं, जो शनि जयंती के दिन भूलकर भी नहीं करने चाहिए…

ऐसे न करें शनिदेव की पूजा-

शनिदेव की पूजा करते समय हमेशा ध्यान में रखें कि उनकी आंखों में देखकर पूजा न करें, ऐसा करने से उनकी वक्री दृष्टि का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में जब भी शनिदेव पूजा करें तो अपनी नजर हमेशा उनके पैरों में रखें, जिससे उनका आशीर्वाद और कृपा प्राप्त की जा सके।

जानिए कब मिलेगी राहत और बचने के उपाय

शनिदेव गरीब, असहाय, कमजोर आदि लोगों का प्रतिनिध्त्व करते हैं। ऐसे में न केवल शनि जयंती के दिन बल्कि कभी भी उनको परेशान नहीं करना चाहिए, इसको अपनी आदत बना लें। इनकी सेवा करें और जरूरत के हिसाब दान करें। ऐसा करने से शनिदोष और महादशा से मुक्ति मिलती है और जीवन में अच्छे कर्मों का फल मिलता है।

इस तरह के काम से बनाकर रखें दूरी-

शनि जयंती के दिन या कभी भी छल कपट और गलत काम करने से बचना चाहिए और झूठ नहीं बोलना चाहिए। इसके साथ ही मांस-मदिरा के सेवन करने से बचना चाहिए। ऐसा करने से शनि महादशा के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है और कुंडली में शनि की स्थिति भी मजबूत होती है, जिससे वह शुभ फल देना शुरू करते हैं। इससे जीवन में कभी किसी चीज की कमी नहीं रहती।

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इन चीजों को न खरीदें-

शनि जयंती के दिन भूलकर भी अपने घर लोहे या फिर कांच की चीजें खरीद कर घर न लाएं। लोहे की चीज पर शनि और कांच पर राहु का प्रभाव रहता है। ऐसे में इन चीजों को घर लाने से न सिर्फ इनके अशुभ प्रभाव का सामना करना पड़ता है बल्कि आर्थिक समस्याओं से भी घिरे रहते हैं और शनिदेव भी कुपित हो सकते हैं।

ऐसे काम करने से बचें

शनि जयंती के दिन सरसों का तेल, लकड़ी, उड़द की दाल नहीं खरीदना चाहिए और न ही बाल या नाखून काटने या कटवाने चाहिए। इसके साथ ही जूते-चप्पल खरीदना और तुलसी, पीपल या बेलपत्र का तोड़ना वर्जित बताया गया है। इन चीजों को आप अन्य दिन खरीद सकते हैं। इन चीजों को खरीदने से जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

शनिदेव से इस तरह मिलता है आशीर्वाद

शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सूर्यग्रहण के बाद शनिमंदिर जाकर दर्शन करें और सरसों के तेल का अभिषेक करें। इसके साथ ही शनिदेव के प्रकोप से बचने के लिए आप हनुमानजी की पूजा करें और सुंदरकांड का पाठ करें। शनि जयंती के दिन आप शनि से संबंधित चीजों का दान कर सकते हैं। ऐसा करने शनि की दशा, साढ़ेसाती और ढैय्या के नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है।

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