पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध मिशन हरियाली नूरसराय

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संवाददाता.नालंदा.मिशन हरियाली नूरसराय पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधारोपण का अभियान चलाए हुए है।छोटी सी टीम बनाकर शुरू किए ईमानदार पहल के कारण लोग जुड़ते गए और कारवां बनता गया। 2019 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा मिशन हारियाली नूरसराय को पटना के बापू सभागार में और 2018 में उपमुख्यमंत्री द्वारा पुरस्कृत किया जा चुका है।

नूरसराय का निवासी राजीव रंजन भारती बताते हैं कि जून 2016 में अपने कुछ साथियों के साथ नूरसराय के आसपास सरकारी सुरक्षित परिसर में पौधा लगाना शुरू किए थे। थाना, उद्यान महाविद्यालय, अस्पताल और सड़क किनारे लगभग 1000 पौधे गुलमोहर, नीम, ग्रीन सिमर, कनैल, पीपल आदि के रोप कर देखभाल करके सभी पौधों को बड़ा कर लिए हैं। इसी बीच अगस्त 2016 में एक स्कूल में बच्चों को अमरूद का 60 पौधा देने गए, अगले दिन स्कूल के सभी 700 बच्चे पौधा मांगने लगे, फिर हम सभी दोस्तों ने 200 रुपया हर माह जमा करना शुरू किया और पौधा खरीदकर रोज स्कूल कोचिंग में बच्चों को अमरूद का पौधा देने लगे।

वे बताते हैं कि आगे परिवार और मित्र के कुछ और लोग इस काम मे रुचि लेने गए फिर 33 लोगों के समूह के साथ प्रतिदिन #मिशनहारियालीनूरसराय के नाम से ये गैर निबंधित समूह पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने लगा। अब सभी 33 सदस्य न्यूनतम 1000 रुपया हर माह देते हैं। नालंदा जिला के कुछ डॉक्टर , शिक्षक , मित्र और परिवार के लोगों ने भी हमेशा सहयोग दिया है। पिछले 5 वर्ष में नालंदा और आसपास के जिलों में लगभग 2000 शिक्षण संस्थान और 400 गांव में जाकर 7 लाख 40 हजार फलदार पौधा लोगों और बच्चों को निःशुल्क उपलब्ध कराया है।

उन्होंने बताया कि किसानों को महोगनी का पौधा भी दिया गया है। बच्चे अपनी निंजी जमीन पर बड़ी आसानी से अपने पौधों को पेड़ बना लेते हैं। कई लाख बच्चों के पौधे पेड़ बन गए हैं और फल भी खा रहे हैं।बच्चों के माध्यम से हर गांव में पेड़ो के प्रति जागरूकता बढ़ी है। आज तक किसी भी स्कूल से किसी प्रकार की कोई भी आर्थिक मदद इस काम के लिए नही ली गयी है। मिशन हरियाली नूरसराय के 33 स्थायी सदस्यों में हर उम्र और अलग अलग काम से जुड़े लोग है। शिक्षक, डॉक्टर, सरकारी सेवा और स्वरोजगार से जुड़े सभी 33 सदस्य इस काम को निरंतर करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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