पोलियो टीकाकरण में लगाए 25 साल,वे ही कोरोना टीकाकरण पर उठा रहे हैं बेतुके सवाल-सुशील मोदी

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संवाददाता.पटना.पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि जिनके राज में पोलियो का टीका देने में ढाई दशक लगे, वे कोरोना टीकाकरण पर बेतुके सवाल उठा कर भ्रम फैला रहे हैं।स्माल पाक्स को निर्मूल करने में 15 साल लगे थे। टीकाकरण 1962 से 1977 तक चला था। पोलियों मुक्त भारत बनाने के लिए 1990 में टीकाकरण शुरू किया गया और इसे पूरा करने में 25 साल लगे।स्माल पाक्स और पोलियो के टीके भारत में विकसित नहीं हुए थे।

श्री मोदी ने कहा कि दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भरता की तरफ बढते भारत ने न केवल एक साल में कोरोना का टीका विकसित किया, बल्कि 125 दिनों में 20 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त वैक्सीन दे दी। इस साल दिसम्बर तक भारत के पास कोरोना वैक्सीन की 216 करोड़ वाइल  उपलब्ध होगी, जिससे एक अरब से ज्यादा लोगों को टीके लग जाएँगे।

उन्होंने कहा कि भारत में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए सबसे पहले लॉकडाउन लगाने, एक साल के भीतर वैक्सीन बनाने और अब तक 20 करोड़ 57 लाख लोगों को टीके लगवा कर दुनिया में सबसे तेज टीकाकरण का रिकार्ड बनाने तक, जीवन बचाने के बड़े लक्ष्य हासिल किये।दूसरी तरफ कांग्रेस, राजद और सपा जैसे दल हर कदम पर विरोध कर जनता में  टीके को लेकर संदेह और दहशत फैलाते रहे।जब भारत सरकार ने इस साल के बजट में वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया, तब सवाल उठाया गया कि जब कोविड समाप्त हो रहा है, तब इतने बड़े आवंटन की क्या जरूरत थी थी? कांग्रेस समर्थकों ने आरोप लगाया कि आवंटन निजी कंपनियों को फायदा पहुँचाने के लिए किया गया।

श्री मोदी ने कहा कि भारत ने जब कोवैक्सीन बनाने में सफलता पायी, तब चिकित्सा विज्ञानियों का मनोबल बढाने के बजाय इस पर समाज में अविश्वास पैदा किया गया।किसी ने इसे इसे “भाजपा का टीका” कहा, तो किसी ने पहले प्रधानमंत्री के वैक्सीन लेने की बात कह कर संदेह फैलाया, जिससे टीकाकरण में बाधा पड़ी।राहुल गांधी क्या चीन के इशारे पर भारतीय टीकाकरण पर अनर्गल सवाल उठाने में लगे हैं?

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