अश्विनी चौबे एवं मंगल पांडेय ने किया मेडिकल मोबाइल यूनिट सेवा का शुभारंभ

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संवाददाता.पटना.केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि कोविड संक्रमण काल में मेडिकल मोबाइल यूनिट जिसे महर्षि विश्वामित्र चलंत आरोग्य वाहन का नाम दिया गया है, यह मील का पत्थर साबित होगा। कोरोना के इस दूसरी लहर में ग्रामीण इलाकों में लोगों को जागरूक करने टेलीमेडिसिन के माध्यम से डॉक्टरों से चिकित्सीय परामर्श उपलब्ध कराने, खून की जांच के साथ-साथ चिकित्सीय सलाह इसके माध्यम उपलब्ध कराया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे बक्सर संसदीय क्षेत्र अंतर्गत सभी विधानसभा क्षेत्रों में शुरू किया गया है। बिहार के अन्य जिलों में भी इसे शामिल करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत पहल की गई है।

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री चौबे शनिवार को बक्सर संसदीय क्षेत्र में पायलट प्रोजेक्ट के तहत मेडिकल मोबाइल यूनिट का हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ कर रहे थे। इस मौके पर बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, एम्स पटना के निदेशक डॉ पी के सिंह,  धनुष फाउंडेशन के डीएसएन मूर्ति, बक्सर, कैमूर, सासाराम के  जिला प्रशासन के आला अधिकारी सिविल सर्जन प्रमुख रूप से वर्चुअल माध्यम से उपस्थित थे। मेडिकल मोबाइल यूनिट का संचालन धनुष फाउंडेशन हैदराबाद द्वारा किया जाएगा। फाउंडेशन उड़ीसा, गुजरात, छत्तीसगढ़, झारखंड, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक जैसे राज्यों में चिकित्सा के क्षेत्र में कार्य कर रही है।

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री चौबे ने कहा कि चिकित्सा चिकित्सक आपके द्वार कार्यक्रम के तहत सभी बक्सर संसदीय क्षेत्र अंतर्गत विधानसभा क्षेत्रों में कोरोना के इस महामारी में लोगों  प्राथमिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराएगा। अभी 5 इस तरह के वाहन चलेंगे। बाद में एक और वाहन इसमें जोड़ा जाएगा। इसमें डॉक्टर, लैब टेक्नीशियन, नर्स आदि की व्यवस्था फाउंडेशन द्वारा की जाएगी। इस कार्य में एसजेवीएनएल का सतत सहयोग मिल रहा है। इस तरह की व्यवस्था को भविष्य में नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन से भी जोड़ा जाएगा। दूर-दराज के गांव में बेहतर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराना केंद्र एवं राज्य सरकार का ध्येय है।

मेडिकल मोबाइल यूनिट वरदान साबित होगा: मंगल पांडेय

बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि इस तरह की व्यवस्था गांव के लिए शुरू होने से निश्चित तौर पर कोरोना संक्रमण काल में यह वरदान साबित होगा। केंद्र एवं राज्य सरकार कोरोना के विरुद्ध जंग को सफलतापूर्वक लड़ रही है। इसमें जनता का भरपूर सहयोग मिल रहा है। इसी तरह जनता का सहयोग मिलता रहा तो निश्चित तौर पर कोरोना के विरुद्ध इस लड़ाई को हम सभी जीतेंगे। केंद्र द्वारा बड़े पैमाने पर राज्य सरकार को चिकित्सीय उपकरण एवं अन्य संसाधन मुहैया कराए जा रहे हैं।  हम सभी का लक्ष्य है दूरदराज के गांवों तक बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो। संक्रमण काल का समय है, ऐसे समय में मेडिकल मोबाइल यूनिट की पहल सराहनीय है। इससे होम आइसोलेशन एवं अन्य गैर कोविड मरीज को काफी लाभ होगा।

विशेषज्ञ चिकित्सक देंगे सलाह: पटना एम्स निदेशक

वर्चुअल माध्यम से पटना एम्स निदेशक डॉ पी के सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि टेलीमेडिसिन के माध्यम से एम्स के विशेषज्ञ डॉक्टर ग्रामीणों को सलाह देंगे। पहले से ही बक्सर का जिला अस्पताल टेलीमेडिसिन के जरिए पटना एम्स से जुड़ा हुआ है। जिसके माध्यम से चिकित्सीय परामर्श उपलब्ध कराया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह के पहल के लिए उन्होंने स्थानीय सांसद सह केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे को धन्यवाद भी दिया। उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीण स्तर पर संक्रमण काल के दौरान लोगों में जागरूकता भी आएगी। प्राथमिक चिकित्सा मिलने से उन्हें काफी लाभ होगा। इस मौके पर धनुष फाउंडेशन के डीएसएन मूर्ति ने कहा कि प्राथमिक चिकित्सा से संबंधित सेवाएं वाहन में उपलब्ध होगी। फाउंडेशन स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई राज्यों में कार्य कर रहा है। इस अनुभव का लाभ भी मिलेगा।

धन्यवाद ज्ञापन सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ ने दी। कार्यक्रम में डीडीसी बक्सर योगेश कुमार, कैमूर व रोहतास के आला अधिकारी मौजूद थे।

वाहन में यह होगी सुविधा

डॉक्टर, नर्स व लैब टेक्नीशियन की सुविधा उपलब्ध होगी। मोबाइल लैब के माध्यम से रक्त की जांच एम्स पटना के चिकित्सकों द्वारा टेलीमेडिसिन से चिकित्सा सलाह, योग ट्रेनिंग एवं आयुष की भी परामर्श उपलब्ध कराई जाएगी। कोरोना के एंटीजन टेस्ट की भी व्यवस्था दी की जाएगी।

 

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