रेल हादसा के सायरन बजते ही रेल प्रशासन की उड़ी नींद

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सुरक्षित यात्रा और गोल्डन समय में यात्रियों की जान बचाना रेल की प्राथमिकता – डीआरएम सुनील कुमार

सुधीर मधुकर.दानापुर. बुधवार को दानापुर रेल मंडल के दानापुर स्टेशन रेल यार्ड में सुबह 10 बज कर 30 मिनट पर दानापुर-वाराणसी इंटरसिटी ( 05125 ) ट्रेन के यात्री कोच बेपटरी होने की सूचना मिलने पर, रेल प्रशासन में खलबली मच गई। आपातकाल सायरन की आवाज लगातार गूंजते ही मौके पर एनडीआरएफ, एआरटी, चिकित्सकों का दल, आरपीएफ, जीआरपी,स्थानीय पुलिस, नागरिक सुरक्षा बल , स्वयंसेवक,फायर ब्रिगेड, एनसीसी व स्काउट गाइड के छात्र मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य में जुट गए।

घायल व मृत यात्रियों को क्षतिग्रस्त डिब्बों के खिड़कियों,गेट आदि को तेजी से काट कर बाहर निकाला गया । मामूली रूप से घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद छोड़ दिया गया। वहीं, गंभीर रूप से घायल होने वाले यात्रियों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया। जब की सुरक्षित बचे यात्रियों को दूसरी ट्रेनों से उसे अपने गंतव्य स्टेशन ,राहत सामग्री भोजन-पानी के साथ भेज दिया गया | घायल व मृत यात्रियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए रेलवे की ओर से इमरजेंसी इंक्वायरी भी बैठाई गई। घटना के बारे में बताया गया कि इस इंटरसिटी ट्रेन के एसएलआर और एक यात्री एसी कोच वेपटरी होने से, लगभग दो घंटे के प्रयास के बाद कोच को पटरी पर लाया गया और ट्रेनों के आवागमन की फिर से वहाल किया गया | इस दौरान मौके पर अफरा तफरी का माहौल बना रहा। इस की सूचना मंडल के कंट्रोल रूम से सभी संबंधित विभागों के साथ-साथ रेलवे बोर्ड की भी दी गयी |

रेल दुर्घटना की सूचना मिलने के तुरंद बाद घटना स्थल पर मंडल के डीआरएम सुनील कुमार, अपर मंडल रेल प्रबंधक महेश कुमार एवं बी.बी.गुप्ता ,सुजीत झा ,मंडल वरीय अभियंता ( समन्वय ) समेत वरीय शाखाधिकारी मुकेश कुमार, एस.के आर्य,राजेश कुमार कुशवाहा, आरपीएफ के सीनियर कमानडेंट एस.के.एस. राठौर , रेल एसपी जे.जलारेडी , एनडीआरएफ के डिप्टी कमानडेंट अभिषेक कुमार राय एवं हरविंदर सिंह ,आरपीएफ इंस्पेक्टर शंकर अजय पटेल ,जीआरपी इंस्पेक्टर सुनील कुमार दिवेदी , जन सम्पर्क अधिकारी पृथ्वीराज सिंह मौके पर पहुंच कर राहत और वचाव कार्य में जुट गए |

डीआरएम श्री कुमार ने स्पष्ट किया कि यह कोई दुर्घटना नहीं बल्कि एनडीआरएफ की टीम व रेल प्रशासन ने संयुक्त रुप से मॉकड्रिल का अभ्यास किया है । हमारा प्रयास रहता है कि रेल दुर्घटना हो ही नहीं,अगर हुआ तो प्राथमिकता रहती है कि किस तरह, सब से पहले बचे गोल्डन समय में यात्रियों की जान बचाया जा सके | इस के लिए समय- समय पर इसका अभ्यास मॉकड्रिल के माध्यम से किया जाता है | इसका मूल उद्देश्य आपदा के समय रेल कर्मियों के साथ आपदा प्रबंधन कर्मियों की क्षमता व तत्परता की जांच करना होता है ताकि संबंधित रेलवे अधिकारियों,कर्मचारियों आदि में सक्रियता एवं जागरूकता बना रहे।

उन्होंने बताया- वहीं दूसरी ओर इस मॉकड्रिल के दौरान जो भी कमियों देखी जाती है, इस पर समीक्षा के बाद कमियों को दूर करने का प्रयास किया जाता है | उन्होंने आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी लोगों को इस मॉक ड्रिल के सफलतापूर्वक संपन्न होने पर बधाई दी। एनडीआरएफ के डिप्टी कमानडेंट अभिषेक कुमार राय एवं हरविंदर सिंह ने कहा कि एनडीआरएफ की प्राथमिकता होती है कैसे बचे हुए बहुमूल्य समय में अधिक से अधिक दुर्घटना से प्रभावित यात्रियों की जान बचायी जाय और उसे मेडिकल सुविधा दी जाय |

इस मॉक ड्रिल में ऑपरेटिंग, सेफ्टी, इलेक्ट्रिकल, इंजीनियरिंग, एसएनटी, टेलिकॉम, मैकनिकल, सेक्युरिटी, कमर्शियल, मेडिकल आदि की टीमों ने हिस्सा | जब लोगों को मालूम चला कि रेल दुर्घटना नहीं,रेलवे का मॉक ड्रिल चल रहा है, तो राहत की सांस ली।

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