मुख्यमंत्री का चुनावी भाषण ?

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प्रमोद दत्त.

पटना.स्वतंत्रता दिवस के मौके पर गांधी मैदान के मुख्य समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संबोधन को चुनावी शंखनाद कहा जा रहा है.उन्होंने अपने कार्यकाल की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए हर खेत को पानी पहुंचाने का चुनावी वादा कर न सिर्फ राज्य के किसानों को पटाने की कोशिश की बल्कि नाराज नियोजित शिक्षकों के लिए सेवाशर्त व अन्य घोषणाएं कर उनकी नाराजगी को दूर करने की कोशिश की.ठीक चुनाव के पहले आए कोरोना संकट के बाद स्वास्थ्य सेवा के विस्तार की चर्चा कर आमलोगों को भी भरोसे में लेने का प्रयास किया गया.

अपने भाषण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर लालू-राबड़ी सरकार का नाम लिए बिना उनके शासनकाल के 15 वर्षों के बदहाल बिहार का भय दिखाया. बिना नाम लिए विपक्ष पर हमला करते हुए उन्होंने कहा- आजकल सोशल मीडिया पर रोज लोग कुछ न कुछ ट्वीट करते हैं.कितना काम हो रहा है बिहार में. हम तो आपलोगों को हाथ जोड़कर प्रार्थना करेंगें कि पहले क्या था?अब क्या है ? आपको खुद विश्लेषण करना चाहिए.हमने तो सरकारी अधिकारियों को भी पहले से लेकर अबतक जो भी स्थिति है,उसका आकलन करके उन बातों को लोगों के सामने रखने के लिए कहा है ताकि आनेवाली पीढी को ठीक ढंग से जानकारी हो सके.पहले कहीं सड़क थी? सिर्फ गड्ढे थे.गड्ढे में सड़क या सड़क में गड्ढे यही कहा जाता था.बिजली थी? कुछ नहीं था. लेकिन जो कम उम्र के बच्चे हैं उनको मालूम नहीं है. ये अब 18-20 वर्ष के होने जा रहे हैं तो उन सबों को विकास की सही जानकारी होनी चाहिए.

इसके अलावा अपने भाषण में मुख्यमंत्री ने कोरोना से निपटने में चल रहे सरकारी प्रयासों की विस्तृत चर्चा की.जैसे लॉकडाउन में फंसे मजदूरों की सहायता,उनके लिए रोजगार सृजन,लॉकडाउन में गरीब व जरूरतमंदों की सहायता,असमय वर्षापात से निपटने के कार्यों को अपनी सरकार की उपलब्धियों के रूप में चर्चा की.साथ ही विधि व्यवस्था,सामाजिक सौहार्द,प्रशासनिक सुधार, आधारभूत संरचना का विकास,शिक्षा एवं समग्र मानव विकास,कृषि,न्याय के साथ विकास,महिला सशक्तीकरण,अनुसूचित जाति-जनजाति,पिछड़ा,अत्यन्त पिछड़ा और अल्पसंख्यक छात्रों के लिए विशेष योजनाएं की भी मुख्यमंत्री ने विस्तृत चर्चा की.उन्होंने विकसित बिहार के सात निश्चय और जल-जीवन-हरियाली से जुड़े कार्यक्रमों को बड़ी उपलब्धि के रूप में बताया.

अपनी सरकार की उपलब्धियों की चर्चा करके जहां अपने लगभग 15 वर्षों के मुख्यमंत्रित्व काल को बेहतर बताने की कोशिश की गई वहीं चुनाव के हिसाब से नई-नई घोषणाएं भी की गई.नियोजित शिक्षकों के लिए नई सेवाशर्त शीघ्र लागू करने की घोषणा की गई.उन्हें कर्मचारी भविष्य निधि का लाभ देने की घोषणा की गई.मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि हमें आगे मौका मिलेगा तो किसानों के हर खेत तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचा देगें.इसे लेकर सर्वेक्षण का काम शुरू हो गया है.राष्ट्रीय खेल दिवस 29 अगस्त को राज्य के उत्कृष्ट 250 खिलाड़ियों को नौकरी दी जाएगी.उन्होंने घोषणा की कि विशेष अभियान चलाकर स्वास्थ्य विभाग में अगस्त माह में 5 हजार नर्सों एवं 4 हजार से अधिक चिकित्सों की नियुक्ति की जाएगी.सितम्बर माह में 1750 से अधिक लैब टेक्निशियन,फर्मासिस्ट एवं सैनेटरी इंस्पेक्टर की नियुक्ति पूर्ण की जाएगी.इसी प्रकार सहायक प्राध्यापक के 4 हजार रिक्तियों पर नियुक्ति के लिए बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग को भेजने जैसी कई घोषणाएं की गई.इसलिए प्रेक्षकों ने माना कि गांधी मैदान में स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्यमंत्री का संबोधन दरअसल उनका चुनावी भाषण ही था.

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सन् 1980 से पत्रकारिता. 1985 से विभिन्न अखबारों एवं पत्रिकाओं में विभिन्न पदों पर कार्यानुभव. बहुचर्चित चारा घोटाला सहित कई घोटाला पर एक्सक्लुसिव रिपोर्ट, चारा घोटाला उजागर करने का विशेष श्रेय. ‘राजनीति गॉसिप’ और ‘दरबारनामा’ कॉलम से विशेष पहचान. ईटीवी बिहार के चर्चित कार्यक्रम ‘सुनो पाटलिपुत्र कैसे बदले बिहार’, साधना न्यूज और हमार टीवी के टीआरपी ओरियेंटेड कार्यक्रम ‘पड़ताल - कितना बदला बिहार’ के रिसर्च हेड और विभिन्न चैनलों के लिए पॉलिटिकल पैनलिस्ट. संपर्क – 09431033460

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