स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण

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संवाददाता.पटना.वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से लैस देश के पहले एवं सबसे बड़े 100 बेड के शिशु गहन चिकित्सा इकाई (PIKU) अस्पताल, सदर अस्पताल मुजफ्फरपुर में बने 100 बेड के मातृ-शिशु वार्ड का मुख्यमंत्री ने उद्घाटन किया।साथ ही राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल झंझारपुर, मधुबनी एवं   श्रीकृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल मुजफ्फरपुर के भवन के उन्नयन कार्य शिलान्यास भी किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा मुजफ्फरपुर में शिशु गहन चिकित्सा इकाई (PIKU) सह अनुसंधान केंद्र का लक्ष्य के मुताबिक निर्माण कार्य पूर्ण कराया गया है। अब यह फंक्शनल भी हो गया है और इसका उपयोग भी शुरू हो गया है। ए0ई0एस0 से विशेष प्रभावित मुजफ्फरपुर के पांच प्रखंडों में पिछले वर्ष सोशियो इकॉनोमिक सर्वे कराया गया जिसके आधार पर वहां के जरूरतमंद परिवारों को कई योजनाओं का लाभ दिया गया। बच्चों को स्कूल भेजा गया। राशन कार्ड बनाये गये, आवास का इंतजाम किया गया, आंगनबाड़ी केंद्र खोले गये एवं अन्य जरूरी सुविधाएं भी उपलब्ध करायी जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि 2006 के फरवरी में सर्वेक्षण से पता चला कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर एक महीने में 39 लोग इलाज के लिये जाते थे। हमने जब स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम किया उसके बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में आने वाले मरीजों की संख्या 2006 के नवम्बर महीने में ही बढ़कर एक से डेढ़ हजार के बीच हो गयी और अब औसतन एक महीने में 10 हजार मरीज इलाज के लिये पहुंच रहे हैं पी0एम0सी0एच0 को दुनिया का सबसे अधिक 5,400 बेड वाला अस्पताल बनाया जा रहा है। आई0जी0आई0एम0एस0 पटना को 2,500 बेड,एस0के0एम0सी0एच0 मुजफ्फरपुर को भी 2,500 बेड के अस्पताल के रूप में विस्तारित किया जा रहा है। एन0एम0सी0एच पटना, ए0एन0एम0एम0सी0एच0 गया और डी0एम0सी0एच दरभंगा का भी विस्तार किया जा रहा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, अनुमंडल अस्पतालों के अलावा अन्य मेडिकल अस्पतालों का भी उन्नयन कर बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा किराज्य के 36 जिलों के 21 जिला अस्पतालों का विस्तारीकरण सह उन्नयन का कार्य 2022 तक पूर्ण हो जाएगा। अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। ग्रामीणों क्षेत्रों में अस्पताल निर्माण के लिए जो लोग भी जमीन दान देंगे उनके नाम पर अस्पताल का नामकरण किया जाएगा। जे0ई0 का टीकाकरण 26 जिलों में पूर्ण हो चुका है, शेष 12 जिलों में टीकाकरण के लिए दवा की उपलब्धता हेतु केंद्र सरकार से आग्रह किया गया है। वर्ष 2006 में बिहार में टीकाकरण 18 प्रतिशत था जो अब बढ़कर 86 प्रतिशत हो गया है। हमारा लक्ष्य है कि टीकाकरण के मामले में बिहार देश के पांच सर्वश्रेष्ठ राज्यों में शामिल हो।

पल्स पोलियो अभियान के बेहतर संचालन के कारण बिहार में पोलियो से मुक्ति मिली है। हमारा लक्ष्य कालाजार से मुक्ति का है। इसके लिए काम किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए क्वारंटाइन सेंटर में बेहतर व्यवस्था की गयी है। बिहार के बाहर फंसे लोगों को काफी राहत दी गयी, बाहर फंसे बिहार के 20 लाख 40 हजार से अधिक लोगों के खाते में 1,000 रूपये की राशि अंतरित की गयी है। 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति, अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति, गर्भवती महिलाओं तथा 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के स्वास्थ्य का विशेष रूप से ख्याल रखा जाय।

 

 

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