शुरू हुआ भारत प्रक्षेत्र राष्ट्रमंडल संसदीय संघ सम्मेलन

1455
0
SHARE

संवाददाता.पटना. लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, सी0पी0ए0 कार्यकारिणी समिति की सभापति  एमिलिया मोंजोवा लिफाका, ऑस्ट्रेलिया प्रक्षेत्र के प्रतिनिधि टेरी मिल्स सहित मंच पर मौजूद अतिथियों ने संयुक्त रूप से छठा भारत प्रक्षेत्र राष्ट्रमंडल संसदीय संघ सम्मेलन के प्रारंभिक सत्र का विधिवत शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

पटना के अशोक कन्वेंशन केंद्र स्थित ज्ञान भवन सभागार में आयोजित इस तीन दिवसीय सी0पी0ए0 सम्मेलन में रोल ऑफ पार्लियामेंट एडं पार्लियामेंट्रीयन इन सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल के साथ ही लोकतंत्र के दो आधार स्तम्भ न्यायपालिका और विधायिका में कैसे ताल-मेल बिठाकर काम किया जाय, इन दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन चर्चा की जाएगी।

उद्घाटन सत्र का आरंभ राष्ट्रगान से किया गया। बिहार के गौरवमयी इतिहास पर आधारित विधानसभा द्वारा तैयार की गयी लघु फिल्म को इस सम्मेलन में दिखाया गया। इस अवसर पर बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने स्वागत भाषण दिया, जबकि बिहार विधान परिषद के कार्यकारी सभापति मो0 हारून रशीद ने धन्यवाद ज्ञापन किया। यह सम्मेलन 19 फरवरी तक चलेगा।

छठे सी0पी0ए0 सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सबसे पहले देश के विभिन्न हिस्सों एवं विदेशों से आये आगत अतिथियों का अभिनंदन किया।मुख्यमंत्री ने कहा कि रोल ऑफ पार्लियामेंट्री एंड पार्लियामेंट्रीयन इन सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल के साथ ही लोकतंत्र के दो आधार स्तम्भ विधायिका और न्यायपालिका में तालमेल बिठाकर काम आगे बढ़ाने जैसे महत्वपूर्ण विषय पर इस सम्मेलन में विस्तृत रूप से चर्चा की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल को देश के पार्लियामेंट ने भी स्वीकार किया है। इस सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल में विभिन्न पहलू के तहत गरीबी, भुखमरी, शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा, स्वच्छता, पर्यावरण जैसे 17 लक्ष्य निर्धारित हैं। इन सभी चीजों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है। इन चीजों को ध्यान में रखकर ही न्याय के साथ विकास की अवधारणा पर काम कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बापू ने विकेंद्रीकृत तरीके से विकास का जो रास्ता बताया, उसे जे0पी0 और लोहिया ने आगे बढ़ाया। हमने विकेन्द्रीकृत तरीके से बिहार के विकास की पहल की है। उन्होंने कहा कि केंद्रीकृत तरीके से कुछ इलाके का विकास हो सकता है, पूरे देश का विकास सम्भव नहीं है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ का पहले मिलेनियम डेवलपमेंट का गोल था और अब सस्टेनेबल डेवलपमेंट का गोल निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि लैंगिक समानता जे0पी0 की सम्पूर्ण क्रांति और लोहिया की सप्तक्रांति का ही यह हिस्सा था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 72वें और 73वें संविधान संशोधन के जरिये महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण दिया गया लेकिन हमने देखा कि महिलाओं की आधी आबादी है, जिसको ध्यान में रखते हुए पंचायती राज और नगर निकाय के चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया। उसके बाद अब तक 3 बार चुनाव हुए जिसमे आधे से अधिक महिलायें चुनाव जीतकर आयीं। लड़कियों को शिक्षा से जोड़ने के लिए पोशाक योजना और हाई स्कूल के बाद साइकिल योजना की भी हमने शुरुआत की। महिलाओं के लिए सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाया और केंद्र सरकार ने उसी मॉडल को स्वीकार कर आजीविका कार्यक्रम चलाया।

लोकसभा अध्यक्ष से अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं तो चाहूँगा कि महिला आरक्षण बिल जो राज्यसभा से पास हो गया है, उसे अब लोकसभा से भी पारित किये जाने की आवश्यकता है ताकि संसद और विधानमंडल में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि लैंगिक समानता की बात हो रही है, ऐसे में महिला आरक्षण बिल लोकसभा से भी अतिशीघ्र पास होना चाहिए। इससे महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, स्पेस, हर जगह महिलाओं की मौजूदगी है, ऐसे में महिलाओं की जो क्षमता और मेधा है, उसका इस्तेमाल होना चाहिए। हमने इस दिशा में काफी पहल की है।

उन्होंने कहा कि 2015-16 में शराब से 5 हजार करोड़ रूपये की आमदनी सरकार को होती थी तो बहुत लोगों को लगता था कि शराबबंदी से सरकार को राजस्व का नुकसान होगा। पर्यटकों की संख्या में कमी आएगी लेकिन शराबबंदी के बाद पाया गया कि बिहार आने वाले देशी और विदेशी पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई। उन्होंने कहा कि लोग बिहार श्रद्धा के कारण आते हैं। यह भगवान बुद्ध के ज्ञान और भगवान महावीर के जन्म, ज्ञान, निर्वाण की भूमि है। बिहार में बोधगया, राजगीर, वैशाली, गया, नालंदा जैसे कई ऐतिहासिक और पर्यटकीय स्थल हैं, जिसे देखने लोग देश-दुनिया से आते हैं न कि शराब पीने।

उन्होंने कहा कि पहले पूरे देश में और देश के बाहर बिहार की छवि अलग थी लेकिन अब बिहार के प्रति लोगों की सोच में परिवर्तन आया है। उन्होंने कहा कि प्रकाश पर्व और शुकराना समारोह के दौरान लाखो की संख्या में सिख श्रद्धालु बिहार आये। उन्होंने कहा कि जो लोग बिहार आयेंगे वही बिहार और बिहारियों के बारे में नजदीक से जान पायेंगे। उन्होंने कहा कि मगध साम्राज्य की राजधानी यही पाटलिपुत्र है। चन्द्रगुप्त मौर्य, सम्राट अशोक, और चाणक्य की यह धरती है, जहाँ अर्थशास्त्र की रचना हुई। उन्होंने कहा कि बिहार का इतिहास पुराना है और यह गौरवषाली है। हमारा फर्ज है कि उस पुराने गौरव को हम फिर से हासिल करें।

सम्मेलन को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, सीपीए कार्यकारिणी समिति की सभापति एमिलिया मोंजोवा लिफाका, बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चैधरी, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, बिहार विधान परिषद के कार्यकारी सभापति मो0 हारून राशिद ने भी संबोधित किया।

कार्यक्रम के उपरांत मुख्यमंत्री ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को सम्राट अशोक कन्वेंशन केन्द्र में बनाये गये बापू सभागार का अवलोकन कराया। इस अवसर पर पेसिफिक प्रक्षेत्र के प्रतिनिधि, टोंगा संसद के लार्ड फाकाफानुआ एवं सचिव,ग्लोरिया गुटेनबिल, सी0पी0ए0 के महासचिव अकबर खान, विभिन्न प्रांतीय विधायी निकायों के अध्यक्ष एवं सभापतिगण, लोकसभा एवं राज्यसभा के महासचिव के साथ उनके अन्य पदाधिकारीगण, विभिन्न विधायी निकायों के सचिवगण, बिहार मंत्रिपरिषद के सदस्यगण, राष्ट्रमंडल संसदीय संघ-बिहार शाखा के सभी सदस्यगण, विधायकगण एवं पूर्व विधायकगण, वरीय अधिकारीगण एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

 

LEAVE A REPLY