चीनी मिल की खाली जमीन पर लगेंगे उद्योग-उपमुख्यमंत्री

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संवाददाता.पटना.उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने सचिवालय स्थित सभाकक्ष में उद्योग-व्यवसाय के प्रतिनिधियों के साथ हुई बजट पूर्व बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य की जो चीनी मिलें चालू नहीं हो सकी है उसकी जमीन को सरकार उद्योगों की स्थापना के लिए उपलब्ध करायेगी।

उन्होंने कहा कि सरकार आगामी 15 दिनों में बालू की उपलब्धता को सामान्य करने का प्रयास कर रही है।बैठक में उद्योग-व्यवसाय से जुड़े प्रतिनिधियों ने जीएसटी से संबंधित अनेक मुद्दे उठाये तथा उद्योग विकास निधि बनाने, औद्योगिक प्रांगन और उद्योगों के लिए जमीन उपलब्ध कराने, पटना और गया में एयर कार्गो, जमीन के न्यूनतम निबंधन मूल्य (एमवीआर) को व्यवहारिक बनाने, भवनों से संबंधित मामलों के निपटारे के लिए माफी योजना लाने, भू-निबंधन शुल्क 6 प्रतिशत करने, वाहनों के फिटनेस दंड को कम करने तथा सर्राफा कारोबार को हस्तशिल्प की श्रेणी में लाकर जीएसटी से बाहर करने के सुझाव दिए गए।

श्री मोदी ने बैठक में आए प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि केन्द्रीय करों में हिस्सा के तौर पर बिहार को चालू वित्तीय वर्ष में 65 हजार करोड़ तथा विभिन्न योजनाओं में ग्रांट के तौर पर 37 हजार करोड़ यानी करीब 1 लाख करोड़ रुपये मिलेगा। अपने स्रोतों से राज्य को 32 हजार करोड़ के राजस्व की प्राप्ति होगी जिसमें सबसे बड़ा हिस्सा 25 हजार करोड़ वाण्ज्यि कर से प्राप्त होगा।

बिहार इंडस्ट्री एसोसिएशन की ओर से राज्य में उद्योगों के विकास के लिए एक हजार करोड़ का उद्योग विकास निधि बनाने और आगामी बजट में कम से कम 250 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने का सुझाव दिया गया। बीआईए ने पटना में एयर कार्गो का निर्माण कराने और किसी कारण से पटना में संभव नहीं होने पर गया में बनाने तथा एकमुश्त योजना के तहत चावल मिल के विवादों के समाधान तथा प्रत्येक तीन महीने पर उद्योग से जुड़े मुद्दे की समीक्षा का सुझाव दिया।

बिल्डर एसोसिएशन के प्रतिनिधि ने जमीन के न्यूनतम निबंधन मूल्य को तर्कसंगत बनाने तथा अन्य राज्यों की तरह निबंधन शुल्क 10 प्रतिशत की जगह 6 प्रतिशत करने, बिल्डिंग बाइलाज के उल्लंघन से जुड़े मामलों के निपटारे के लिए एमनेस्टी स्कीम लाने तथा रियल एस्टेट के कारोबार को पुनर्जीवित करने का सुझाव दिया।

बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स ने जीएसटी कार्यान्वयन से संबंधित समस्याओं को उठाते हुए रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया के सरलीकरण तथाआईटी संसाधन बढ़ाने का सुझाव दिया।सर्राफा व्यवसायी संघ की ओर सोने-चांदी के कारोबार को हस्तशिल्प का दर्जा देकर उसे जीएसटी से मुक्त करने का सुझाव दिया गया। बैठक में खुदरा खाद्यान्न व्यवसायी संध, मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन आदि के प्रतिनिधियों ने भी अपने सुझाव दिए।

 

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