जानें…लालू को राणा के कौन-कौन कारनामों से अगाह कराया था कार्यकर्ताओं ने

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प्रमोद दत्त.पटना.चारा घोटाला 64ए/96 मामले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने अपने फैसले में लिखा है कि आर के राणा खुद और लालू प्रसाद के नाम पर उगाही करते थे.राणा के इन कारनामों की जानकारी जनता दल कार्यकर्ताओं द्वारा लालू प्रसाद तक तभी पहुंचा दी गई थी जब जनता दल में टूट नहीं हुई थी और लालू प्रसाद राज्य के मुख्यमंत्री थे.

पटना जिला जनता दल के कार्यकर्ता राम निहोरा यादव ने तब मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के नाम खुला पत्र जारी कर डॉ आर के राणा के एक एक कारनामों को सार्वजनिक किया था.यह तब किया गया था जब लालू प्रसाद के सामने पार्टी के अंदर सच बोलने की हिम्मत किसी की नहीं होती थी.

जनता दल कार्यकर्ता द्वारा जारी तब के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के नाम इस खुले पत्र में बताया गया था कि—

–डॉ राणा के यहां यदि छापामारी करवाएंगें तो पचास लाख रूपया उसके घर से निकल सकता है.यह सारा रूपया आपके नाम पर दलाली में पशुपालन माफिया से वसूल कर रखा है.

–डॉ राणा ने वेटनरी कैम्पस में 20 वर्षों से लूट मचाया अब आप का नाम बेचकर विभिन्न विभागों के अधिकारियों से लूट रहे हैं.

–उसका प्रभाव पशुपालन माफिया में आपकी व्यक्तिगत कमजोरी के चलते बढा हुआ है.

–विधानसभा की निवेदन समिति ने 1989 में डॉ राणा को पटना जिला से हटाने तथा निगरानी विभाग से जांच कराने का निर्देश दिया जो ठंढा पड़ गया है.

–डॉ राणा प्रचार कर रहा है कि आपका निजी मकान पटना के शेखपुरा में 15 लाख का तथा आपके गांव फुलवरिया में पांच लाख का उसने ही बनवाया है.

–विधायकों को मंत्री बनाने के नाम पर ठग रहा है और बिहार भवन, दिल्ली में रहकर आपके नाम पर लटर-पटर एवं उलूर-जुलूर कर रहा है.

–आप डॉ राणा को अपने साथ कैसे रखे हैं,लोगों को आश्चर्य हो रहा है.आपके नाम पर कई तरह का दलाली का धंधा शुरू किया है.लोग दबी जुबान में बोल रहे हैं कि क्या कारण है कि लालूजी चुप हैं.

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