क्या यह मोदी का “ऑपरेशन-राजनाथ” है ?

2290
0
SHARE

images-1

प्रमोद दत्त.  झारखंड में भाजपा की सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोप में जिस बड़े व प्रभावशाली व्यक्ति की गर्दन को पकड़ा है उसे नरेन्द्र मोदी का ऑपरेशन राजनाथ बताया जा रहा है.क्योंकि रघुवर सरकार ने जिस व्यक्ति के गले में फंदा डाला है वह न सिर्फ विश्व हिंदु परिषद के बड़े नेता हैं बल्कि वे केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के करीबी रिश्तेदार भी हैं.

विहिप के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष पंचम सिंह जिस विजेता कंस्ट्रक्शन कंपनी के संचालक हैं उस कंपनी पर ठेका के किए गए काम से 25 करोड़ रूपए अधिक भुगतान लेने का मामला दर्ज किया गया है.पंचम सिंह न सिर्फ विहिप के बड़े नेता हैं बल्कि केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के साले हैं और रिश्ता इतना मधुर कि एक समय में रांची प्रवास के दौरान राजनाथ सिंह उन्ही के घर ठहरा करते थे.चुंकि मामला राजनाथ सिंह के रिश्तेदार और विश्व हिंदू परिषद से जुड़े व्यक्ति का है इसलिए माना जा रहा है कि रघुवर-सरकार ने कार्रवाई शुरू करने के पूर्व ऊपर से सहमति जरूर ली होगी.

मामला जल संसाधन विभाग के कोडरमा स्थित केशो जलाशय के ठेका से जुड़ा है.केशो जलाशय का काम 2006-07 में विजेता कंपनी को दिया गया. एकरारनामे के अनुसार 67 करोड़ की इस योजना को ढाई वर्षों में पूरा करना था.लेकिन बार-बार निर्देशों के बावजूद कंपनी ने समय पर काम पूरा नहीं किया.इसी वर्ष मई माह में विभाग के आदेश पर हजारीबाग के मुख्य अभियंता की अध्यक्षता में तकनीकी जांच कमिटी बनाई गई.इस कमिटी ने विभाग को हाल में सौंपी अपनी रिपोर्ट में गड़बड़ी की पुष्टि की है.नापी के आधार पर किए मूल्याकंन में बताया गया है कि विजेता कंपनी को 44 करोड़ का भुगतान किया गया जबकि उसने मात्र 19 करोड़ का ही काम किया है.काम से अधिक 25 करोड़ के  अनियमित भुगतान के मामले में जांच कमिटी ने कंपनी के साथ साथ 13 विभागीय अभियंताओं को भी दोषी माना है.इस रिपोर्ट के आधार पर जल संसाधन विभाग ने वित्तीय गबन के मामले में ठेका कंपनी विजेता कंस्ट्रक्शन लिमिटेड पर प्राथमिकी दर्ज कर इसकी जांच एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) से कराने की अनुशंसा की है.संबंधित संचिका अनुमति के लिए सीएम के पास भेजी गई है.

बताते चलें कि विजेता कंपनी के मालिक पंचम सिंह झारखंड विहिप के प्रदेश अध्यक्ष व राजनाथ सिंह के करीबी रिश्तेदार हैं.पंचम सिंह के भाई परमा सिंह आर.आर.डी.ए. के अध्यक्ष हैं और वे भी विजेता कंपनी में बतौर निदेशक लंबे समय तक जुड़े रहे हैं.इसलिए जांच के घेरे में वे भी आ सकते हैं.

राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि पीएम बनने के बाद से ही नरेन्द्र  मोदी और राजनाथ सिंह के रिश्तों में खटास है.यूपी के चुनाव में राजनाथ सिंह के कद को एक सीमा में बांधे रखने की योजना भी है.इसलिए झारखंड का ताजा मामला मोदी का ऑपरेशन राजनाथ का रूप ले ले तो कोई आश्चर्य नहीं होगा.

 

 

SHARE
Previous articleएलओसी आर्मी सेक्टर पर फिदायनी हमला,18 जवान शहीद
Next articleहीना शहाब मामले पर साक्ष्य दें मोदी,नहीं तो मानहानी का करेगें मुकदमा-जदयू
सन् 1980 से पत्रकारिता. 1985 से विभिन्न अखबारों एवं पत्रिकाओं में विभिन्न पदों पर कार्यानुभव. बहुचर्चित चारा घोटाला सहित कई घोटाला पर एक्सक्लुसिव रिपोर्ट, चारा घोटाला उजागर करने का विशेष श्रेय. ‘राजनीति गॉसिप’ और ‘दरबारनामा’ कॉलम से विशेष पहचान. ईटीवी बिहार के चर्चित कार्यक्रम ‘सुनो पाटलिपुत्र कैसे बदले बिहार’, साधना न्यूज और हमार टीवी के टीआरपी ओरियेंटेड कार्यक्रम ‘पड़ताल - कितना बदला बिहार’ के रिसर्च हेड और विभिन्न चैनलों के लिए पॉलिटिकल पैनलिस्ट. संपर्क – 09431033460

LEAVE A REPLY