बिहार का 144696.27 करोड़ का वार्षिक बजट,शिक्षा पर जोर-कृषि उपेक्षित

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निशिकांत सिंह.पटना.आगामी वित्तीय वर्ष 2016-17 में नीतीश सरकार ने शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया है जबकि कृषि की उपेक्षा की गई है. कुलबजट 144696.27 करोड़ में योजना आकार 71501.84 करोड़ का रखा गया है जिसमें शिक्षा पर जहां 15.31 प्रतिशत वहीं कृषि पर मात्र 3.28 प्रतिशत योजना व्यय होगा. विधान मंडल में इस आशय का वार्षिक बजट प्रस्तुत करते हुए वित्तमंत्री अब्दुल बारी सिद्दिकी ने केन्द्र पर हमला करते हुए कहा कि नए फॉर्मूले के तहत केन्द्र प्रायोजित योजनाओं में जहां कटौती की गई वहीं केन्द्रीय योजनाओं में राज्यांश बढा दिया गया है.

वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्धकी ने सदन के पटल पर बजट रखा. अब्दुल बारी सिद्धकी ने विधानसभा में अपने बजट भाषण कहा कि  बजट 144696 .27 करोड़ रुपए का है. जो वित्तीय वर्ष 2015 -16 के बजट अनुमान 120685.32 रूपये से 24010.95 करोड रूपये अधिक है.  सिद्दीकी ने कहा कि नीतीश निश्चय की योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है. सरकार रोजगार के लिए अन्य राज्यों में जाने वाले मजदूरों को ट्रेन के स्लीपर क्लास का भाड़ा देगी.

94 पृष्ठ के बजट भाषण को पढते हुए उन्होंने कहा कि 20 से 25 वर्ष के बेरोजगार युवाओं को रोजगार तलाशने के दौरान सहायता के तौर पर 1,000 रुपए प्रतिमाह की दर से स्वयं सहायता भत्ते की सुविधा दो वर्षों के लिए दी जाएगी. स्टुडेन्ट क्रेडिट कार्ड’’ के तहत बैंकों से जोड़कर सरकार 12 वीं कक्षा पास हर इच्छुक विद्यार्थी के लिए 4 लाख रुपए तक का शिक्षा ऋण सुनिश्चित कराएगी. युवाओं की उद्यमिता विकास एवं स्टार्ट-अप कैपिटल हेतु 500 करोड़ रुपए का वेंचर कैपिटल फंड गठित किया जाएगा, जिसके माध्यम से ऐसे युवाओं को वित्तीय सहायता दी जाएगी, जो उद्योग लगाकर स्वरोजगार करना चाहते हैं.

उन्होंने कहा कि बिहार के हर नागरिक को स्वच्छ पेयजल मिले इसके लिए सभी घरों में पाईप जल की सुविधा सुनिश्चित की जाएगी.  अगले पांच वर्षों में चापाकल और पेयजल के अन्य साधनों पर लोगों की निर्भरता को पूरी तरह से खत्म किया जाएगा.
खुले शौच से मुक्त, स्वस्थ एवं स्वच्छ बिहार के लिए हर घर शौचालय की व्यवस्था की जाएगी.

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के क्रियान्वयन के उपरांत, शेष बचे राज्य के सभी सम्पर्क-विहीन बसावटों को पक्की सड़क से जोड़ा जाएगा। सभी गांव एवं शहरों में गली नाली का निर्माण कराया जाएगा.

उन्होंने किशनगंज में कृषि विवि बनाने और राज्य में पांच मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की. शिक्षण संस्थानों में वाई-फाई से इंटरनेट दिया जाएगा. सरकारी नौकरी में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा.बिहार में हिन्दी, अंग्रेजी और कंप्यूटर शिक्षा पर जोर दिया जा रहा है.तकनीकी शिक्षा पर जोर दिया जा रहा है, जिससे लोगों को रोजगार मिलने में आसानी हो.

बीपीएल के लाभुकों को शौचालय बनाने के लिए 12 हजार रुपए दिया जाएगा . जिला एवं अनुमण्डल में उच्च, व्यवसायिक एवं तकनीकी शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी.

प्रत्येक जिला में जीएनएम स्कूल, पैरा-मेडिकल इन्स्टीच्यूट, पॉलिटेकनीक, महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान एवं अभियंत्रण महाविद्यालय की स्थापना, सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में नर्सिंग कॉलेज की स्थापना, प्रत्येक अनुमण्डल में एएनएम स्कूल एवं सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना.
केन्द्र पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि 14वें वित्त आयोग से बिहार को 45809 करोड़ रुपए का घटा हुआ है.योजना आयोग भंग होने से बिहार को नुकसान हुआ है. केंद्र प्रायोजित योजनाओं में कटौती की जा रही है. बिहार को महत्व कम दिया जा रहा है.

वित्त मंत्री ने तृतीय व्यय 2015-16 के लिए प्रस्तावित राशि 8769.38 करोड की बतायी.उन्होंने योजनावार प्रस्तावित व्यय इस प्रकार राज्य योजना मद में 7656.21,गैर योजना मद में

7656.21 करोड़ रूपये,गैर योजना (प्रभृत सहित) 1050.55 करोड़ रूपये,

केंद्रीय योजनागत योजना मद में 62.62 करोड़  रूपये निर्धारित किए गए है.

कुल व्यय योजना में राजस्व प्राप्तियां ऋणों की वसूली एवं ऋणों की वापसी को घटाने के पश्चात जो राशि बचती है उसे राजकोषीय घाटा कहा जाता है. वित्तीय वर्ष 2016-17 में राजकोषीय घाटा 16014 करोड रूपये का है, जो राज्य सकल घरेलू उत्पाद का 558808.65 करोड़ रूपये का है, 2.87 प्रतिशत है.

वित्त मंत्री ने शिक्षा के क्षेत्र में 21897.2 करोड़ रूपये प्रस्तावित रखा है. जिसमें योजना में 10950.14 करोड रूपये एवं गैर योजना मद में 10946.88 करोड़ रूपये प्रस्तावित की है.

इसी तरह स्वास्थ्य के क्षेत्र में 8234.70 करोड़ रू प्रस्तावित की है जिसमें योजना मद में 5337 करोड़ रूपये तथा गैर योजना मद में 2807.52 रूपये प्रस्तावित की है.

सड़क प्रक्षेत्र में पथ निर्माण एवं ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा सड़क प्रक्षेत्र में व्यय किए जाते है. इन विभागों में प्रक्षेत्र में वर्ष 2016.17 में 13749.56 करोड़ रूपये का व्यय अनुमानित है जिसमें सड़कों के रख रखाव एवं मरम्मति मद में 1700 करोड़ रूपये अनुमानित है.

 

 

 

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