कृषि विश्वविधालयों के छात्रों में 41 प्रतिशत की वृद्धि- राधा मोहन सिंह

1999
0
SHARE

83debd1d-c805-46c5-82ba-e02b50b073ad

संवाददाता. नई दिल्ली.केंद्रीय कृषि एंव किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, द्वारा राज्य कृषि विश्वविद्यालयों में छात्रों के दाखिलों में जबरदस्त तेजी आई है। वर्ष 2013 के मुकाबले 2015 में दाखिलों के प्रतिशत में 41 प्रतिशत की वृद्धि हुई  है। इतना ही नहीं 2013—2014 के मुकाबले कृषि शिक्षा के आवंटन में लगभग 40 प्रतिशत की बढोत्तरी की गई है।

दिल्ली में पूसा स्थिति भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद परिसर में अखिल भारतीय कृषि छात्र एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक राष्ट्रीय युवा सम्मेलन को संबोधित करते हुए राधा मोहन सिंह ने कहा कि कृषि और ग्रामीण व्यवस्था को रोजगार उन्मुखी बनाना केंद्र सरकार की प्राथमिकता है और इसके लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने कृषि के प्रति युवाओं में रूचि पैदा करने के लिए आर्या नामक परियोजना को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में देश के 25 राज्यों के 25 जनपदों में शुरू किया गया है। इसके संचालित करने की जिम्मेदारी कृषि विज्ञान केंद्रों की है। प्रत्येक कृषि विज्ञान केंद्र से 200 – 300 युवओं का चयन कर उन्हें कृषि क्षेत्र में रोजगार प्राप्त करने हेतु इकाई स्थापित करने का प्रशिक्षण और सहायता दोनों प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह मोदी सरकार की नीतियों की ही परिणाम है कि उच्च कृषि शिक्षा को बढावा देने के लिए कारण यूजी और पीजी स्तर पर कृषि छात्रों की संख्या में वृद्धि हुई है।

इस मौके पर सांसद जगदम्बिका पाल और कृषि एंव किसान मंत्रालय,भारतीय अनुसंधान परिषद आदि संस्थाओं के अधिकारी उपस्थिति थे। राधा मोहन सिंह ने कहा कि कृषि महाविद्यालयों  में छात्रों को पढाई के साथ कमाई का अवसर देने के लिए अनुभवजन्य लर्निग इकाइयों की संख्या बढाई गई है। 2013 के मुकाबले इनकी संख्या करीब 50 प्रतिशत बढी है। विभिन्न राज्यों में उच्च् कृषि शिक्षा को बढावा देने के लिए आठ नए कृषि विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई है। केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय इम्फाल के अंतर्गत छह नए कॉलेज जिससे उत्तर पूर्वी क्षेत्र में कृषि कॉलेजों की संख्या 7 से बढ कर 13 हो गई है। इसके अलावा रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविधालय  झांसी के अंतर्गत बुंदेलखंड में चार नए कॉलेज। उन्होंने कहा कि कृषि स्नातकों को कृषि निवेश जैसे बीज, खाद एंव पेस्टी साईड बेचने हेतु अधिकृत करने का निर्णय भी किया है इससे कृषि स्नातकों को देश में रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।

उन्होंने कहा कि गांव से युवाओं का पलायन रोकने के लिए और गांव में रोजगार उपलब्ध करने के लिए सरकार गंभीर है। आर्या नामक योजना हमारे इस संकल्प का प्रकट करता है। कृषि क्षेत्र में रोजगार को बढाने के महत्व को समझते हुए ही कृषि एंव किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा नाबार्ड की सहायता से एग्रीक्लीनिक एंव एग्रीबीजनेस सेंटर की योजना चलाई है। युवाओं को रोजगार देने के लिए स्किल इंडिया, स्टार्टअप और अटल इनोवेषन मिशन जैसी योजनाएं शुरू की गई हैं। डिजीटल इंडिया कार्यक्रम से पूरे देश को जोडने और शासन में पारदर्शिता लाने पर जोर हैं। उन्होंने कहा कि मेरा प्रयास है कि हाईस्कूल और इंटरमीडियट पास युवकों को रोजगार संबंधी शिक्षा मिल और वह एक सफल कृषि उद्ममी बन सके।

LEAVE A REPLY