तब जेपी के साथ…अब कांग्रेस के साथ…

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मुकेश महान.

“अंग्रेजों ने गांधी के साथ वैसा वर्ताव नहीं किया जैसा कांग्रेस ने आपातकाल के दौरान जेपी के साथ किया.” यह पंक्ति आजकल हाटकेक बनी हुई है बिहार में और बिहार की मीडिया में. कारण है- यह सामग्री जो बिहार सरकार के आफिसीयल वेबसाइट पर पहले से थी, को कांग्रेस के दबाव में वेबसाइट पर से अचानक हटा दिया गया है. खासबात यह है कि यह तब हुआ जब सरकार के मुखिया यानी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी हैं.

अब जरा हम फ्लैशबैक में चलते हैं. एक समय था जब जेपी की संपूर्ण क्रांति वाले स्वरुप की मूर्ति को लगाने के लिए पटना में आंदोलन चलाए गए थे. तब बिहार में कांग्रेस की सरकार थी .सरकार नहीं चाहती थी कि जेपी की वैसी मूर्ति पटना में लगाई जाए जो आपातकाल की याद दिलाती रहे. लेकिन जेपी समर्थक चाहते थे कि मूर्ति तो पटना में लगे ही साथ ही मूर्ति का स्वरुप भी संपूर्ण क्रांति का परिचायक हो. हाथ में लाठी लिए हुए और आगे बढ़ते हुए जेपी बने और उनके माथे पर पट्टी बंधी हो . . और यह मूर्ति स्थापित भी हो इंकमटैक्स चौराहे पर.लेकिन तब की कांग्रेस सरकार सहमत नहीं थी.हालाकि भारी जद्दोजहद के बाद जेपी समर्थकों की मंशा पूरी हुई. यहां गौर करने वाली बात यह है कि मूर्ति स्थापित कराने के लिए जो संघर्ष समिति थी उसमें कई नेताओं के साथ नीतीश कुमार भी थे .ऐसे में यह आश्चर्यजनक लगता है कि नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री काल में ही जेपी और आपातकाल की यातनाओं से संबंधित तथ्य वेबसाइट से हटाये गये.

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सन् 1987 से पत्रकारिता, 1992 से विभिन्न अखबारों एवं चैनलों के साथ विभिन्न पदों पर कार्यानुभव. संस्थान की शुरूआत करने के लिए विशेष पहचान. डीडी मेट्रो, हमार टीवी, साधना न्यूज बिहार-झारखंड, प्रज्ञा चैनल (धार्मिक) के लिए कार्यक्रम बनाने/निर्देशन का अनुभव. ईटीवी बिहार के चर्चित कार्यक्रम ‘सुनो पाटलिपुत्र कैसे बदले बिहार’ का स्क्रिप्ट हेड. समसमायिक और राजनीतिक विषयों के साथ-साथ कला, संस्कृति और ज्योतिषीय विषयों पर समान अधिकार.

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