जापान की सहायता से जोहार योजना तैयार – नीलकंठ सिंह मुंडा

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संवाददाता.रांची.  जापान की सहायता से राज्य के 30,000 ग्रामीणों को ड्रिप सिंचाई की सुविधा के माध्यम से उत्पादन एवं आजीविका में वृद्धि के लिए 282 करोड़ की योजना तैयार की गयी है,जिसे जापान सरकार को अग्रसारित कर दिया गया हैं. ग्रामीण विकास विभाग द्वारा ही आजीविका वृद्धि के लिए जोहार नाम की परियोजना विश्व बैंक से निवेश के लिए तैयार की गयी है,जिसकी प्रस्तावित लागत 875 करोड़ रुपये है.इसके अलावा जल छाजन के लिए नाबार्ड को 347 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये गये है. अनुसूचित क्षेत्रों के उग्रवाद जिलों में 500 मॉडल ग्राम पंचायतों के विकास के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. राज्य के अति उग्रवाद प्रभावित इलाकों के समग्र विकास के लिए 13 क्षेत्रों को चिह्नित किया गया हैं. जहां बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता, प्रशासनिक व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण, आजीविका के साधनों की वृद्धि पर विस्तार से कार्य योजना बनायी जा रही हैं, जिसको जल्द ही मूर्तरुप दे दिया जायेगा. ये जानकारी राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने सूचना भवन में आयोजित संवाददाता सम्मलेन में दी.

उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी हैं कि राज्य के अधिकारियों व कर्मचारियों का दल ग्राम एवं ग्रामीणों के विकास के लिए, बेहतर ढंग से कार्य कर रहा हैं. उन्होंने राज्य में बेहतर ढंग से संपन्न हुए ग्राम पंचायत चुनाव के लिए इसका सारा श्रेय यहां की जनता और मीडिया को दिया. उन्होंने कहा कि बजट में उपलब्ध राशियों के खर्च के मामले में उनका विभाग बेहतर स्थिति में हैं, अब तक 1100 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं.

उन्होंने यह भी बताया कि जनवरी 2016 से योजना बनाओ अभियान की शुरुआत होगी, जिसमें सभी ग्रामीणों से योजना संबंधी सुझाव मांगा जायेगा, क्योंकि राज्य सरकार चाहती हैं कि अगला बजट राज्य की जनता के अनुरुप हो, और उसी दिशा में राज्य सरकार आगे बढ़ रही हैं. उन्होंने कहा कि उनके विभाग में अच्छे कार्यों का ही परिणाम हैं कि देश में सीएफटी परियोजनाओं के क्रियान्वयन में झारखंड को दो सर्वश्रेष्ठ राज्यों में रखा गया है. फाइल ट्रेकर में ग्रामीण विकास विभाग विगत दो वर्षों से प्रथम स्थान पर बना हुआ है. पशु सखी मॉडल को आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत देश के उत्तम प्रदेश के रुप में चुना गया एवं पुरस्कृत किया गया हैं.

उन्होंने कहा कि मनरेगा के क्रियान्वयन में गति लाने के लिए 3032 ग्राम पंचायत को टेबलेट दिया गया हैं ताकि ग्राम पंचायत स्तर पर ही मांग इकट्ठा कर मस्टर रोल भरे जाये एवं भुगतान के निर्देश जारी किये जाये. उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग 2022 तक सभी ग्रामीणों को जिनके पास आवास नहीं हैं, उन्हें आवास उपलब्ध कराने के लिए कार्य कर रहा हैं, और जल्दी ही झारखंड इसमें अन्य राज्यों से बेहतर स्थिति में होगा.

उन्होंने कहा कि पंचायत भवनों के निर्माण का कार्य भी तेजी से चल रहा हैं, अब तक तीन चौथाई इलाकों में पंचायत भवन का निर्माण हो चुका हैं. एक चौथाई में कार्य आधे – अधूरे हैं, उसका मूल कारण तकनीकी आधार पर जमीन का उपलब्ध नहीं होना हैं, हालांकि उस ओर भी राज्य सरकार का ध्यान हैं, जल्दी ही, वहां भी समस्या खत्म कर दिया जायेगा.

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