स्वास्थ्य संविदाकर्मियों की सेवा को नियमित करने की फिर उठी मांग

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health contract workers

संवाददाता.पटना. बिहार राज स्वास्थ्य संविदा कर्मी स्वास्थ्य उप केंद्र से लेकर राज्य तक कार्यरत हैं उनके मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।इनका मनोबल बनाए रखने के लिए बिहार राज स्वास्थ्य संविदाकर्मी संघ ने संविदाकर्मियों की सेवा को नियमित करने व अन्य मांगों को लागू करने के लिए बिहार सरकार से अनुरोध करते हुए कहा कि 11 वर्ष पूर्व की महंगाई कई गुना अंतर आ गया है लेकिन संविदाकर्मियों का भुगतान 11 वर्ष पूर्व के अनुसार ही मानदेय दिया जा रहा है।
इसे न्यायोचित नहीं मानते हुए इस पर सहानुभुति पूर्वक विचार करने की मांग करते हुए बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ के सचिव ललन कुमार सिंह ने एक बयान में कहा कि स्वास्थ्य संविदाकर्मी 15 वर्षों से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्य कर रहे है।इनके सतत प्रयास द्वारा किए गए कार्यो के कारण स्वास्थ्य विभाग का सभी कार्यक्रम सफल भी रहा है। कोविड-19 टीकाकरण ,मातृ मृत्यु दर ,शिशु मृत्यु दर, इन कर्मियों की बदौलत राष्ट्रीय औसत कम हुआ है, परंतु सरकार के द्वारा संविदाकर्मी के लिए संवेदना नहीं बनाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि बिहार राज स्वास्थ्य संविदाकर्मी संघ अपनी वाजिब मांगों के लिए सक्षम प्राधिकार के पास कई वर्षों से लगातार मांग के पश्चात आंदोलन करते रहे हैं।अपनी मांगों को सक्षम प्राधिकार के पास रखते रहे हैं। माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा भी संविदाकर्मियों की मांगों पर सुनवाई के बाद अन्य कर्मियों के अनुरूप हम संविदाकर्मी के भी मांग को जायज बताया गया  तथा राज्य सरकार को सहानुभुति पूर्वक विचार हेतु निर्देशित भी किया है। उसके बाद अपर मुख्य सचिव महोदय, सवास्थ विभाग के आश्वासन के बाद संविदाकर्मियों को ईपीएफ कटौती पूरे बिहार में लागू किया गया। इसके लिए स्वास्थ संविदाकर्मी परिवार दिल से धन्यवाद देता है। परंतु अन्य मांगे लंबित हैं,जो हम संविदा कर्मियों को अन्य कर्मियों से भिन्न कर देता है।इससे हम सभी आहत हो रहे हैं। कर्तव्य पथ पर भी हम सभी अपने को उपेक्षित महसूस करते हैं। अतः मुख्य मांगो पर अविलंब सहानुभूति पूर्वक निर्णय लिया जाय।हमारी प्रमुख मांगें हैं-
1:- ग्रुप इंश्योरेंस, ग्रुप बीमा
2:- 2011 के बाद वेतन वृद्धि नहीं की गई महंगाई को देखते हुए ,प्रदीप झा सर के द्वारा की गई अनुशंसा के अनुसार वेतन वृद्धि की जाए, क्योंकि संविदा कर्मियों को इस महंगाई में जीना मुहाल हो गया है।
3:- पब्लिक हेल्थ कैडर को बनाते हुए सभी संविदाकर्मियों को नियमित करने की मांग लंबित है, जिसके लिए भारत सरकार ने भी 16 अप्रैल 2022 को पूरे भारत सरकार के स्वास्थ मंत्री मनसुख मांडवीया जी के द्वारा एक समारोह में hm संविदाकर्मियों पर चिंता जताते हुए, पूरे भारत में मैनेजमेंट कैडर लागू किया जाए, स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया है, कि मैनेजमेंट कैडर बनाकर एनएचएम कर्मियों का संयोजन किया जाए।

 

 

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