शोध के कोर्सवर्क विश्वविद्यालय की अकादमिक स्तर की है पहचान- डा. झा

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संवाददाता.पटना.इतिहास विभाग,पाटलिपुत्र विश्वविध्यालय पटना द्वारा शोध छात्रों के कोर्स वर्क के अंतर्गत गुणवत्ता युक्त मौलिक एवम् अधातन प्रासंगिक विषय के चयन एवम वैज्ञानिक प्रमाणिक कार्य हेतु छः माह के कार्य का आज समापन सत्र तमाम पक्षों के साथ पूर्ण किया गया।
शोधार्थियों के द्वारा अयोजित समारोह में स्वागत भाषण डा अविनाश कुमार झा देते हुए सभी अतिथियों एवम् छात्रों का परिचय तथा इस आयोजन की प्रासंगिता पर प्रकाश डाला। स्नातकोत्तर इतिहास विभाग के इस आयोजन के मुख्य वक्ता प्रो अजय कुमार, डीन समाज विज्ञान संकाय पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय ने सबोधित करते हुए शोध के विभिन्न पक्षों तथा इसके स्वरूप तथा शोध विधि पर विस्तार से चर्चा की, प्रो निखिल कुमार सिंह प्रधानाचार्य जे एन एल कॉलेज खगौल ने अकादमिक गंभीरता के विभिन्न पक्षों एवम् कुशल संचालन के गुणों पर प्रकाश डाला।
प्रो मीना सिन्हा जे डी विमेन्स कॉलेज पटना ने शोध में विषय चयन तथा इसकी चुनौतियों एवम् निराकरण को स्पष्ट किया। डा सुनीता शर्मा बी डी कॉलेज पटना ने नारीवादी इतिहास लेखन एवम् शोध के विभिन्न पक्षों से शोधर्थियो को अवागत कराया। प्रो राजेश शुक्ल और प्रो राजीव रंजन ने शोध में स्त्रोतों की महत्ता तथा सजगता संवेदनशीलता के साथ इसके प्रयोग से छात्रों को अवगत कराया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि  प्रो तपन शांडिल्य, प्रधानाचार्य, ने इतिहास विभाग द्वारा आयोजित अकादमिक कार्य की गम्भीरता तथा गुणवत्ता युक्त शोध हेतु छात्रों को प्रेरित करते हुए शोध के अनातरविषायक विधि की इतिहस में प्रासंगिकता एवम् आलेख में मौलिक विचार तथा गुणवत्ता पूर्ण शोध हेतु विषय चयन से लेकर इसके विभिन्न क्षेत्रों तथा संदर्भ ग्रंथ की अवधरणा प्रासंगिकता से परिचय करवाते हुए भाविष्य के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम और इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रो एस एन आर्य ने अपने सहयोगियों तथा छात्रों के लगन हेतु बधाई देते हुए सफल आयोजन की पूर्णता को आजीवन निरंतरता प्रदान करते हुए मौलिक गुणावत्ता पुर्ण कार्य हेतु अपने विचारों से सभी को प्रेरित किया।
डा अभयानंद ने अधतन विषयों के चयन हेतु उचित मार्गदर्शन के साथ श्रोतो के उपयोग एवम् वर्तमान से इसके संबध और काल स्थान के आलोक मे समीक्षा आदि पक्षों पर विस्तार से जानकारी दी। जिसमें कई नवीन विषय एवम् शोध के सिद्धांतों की जानकारी दी गई। शोध के विभिन्न पक्षों पर विर्मश कर शोध की  अवधारण को स्पष्टता देते हुए एक राष्ट्रीय स्तर के सर्वमान्य स्वरुप आज के सन्दर्भ में  इसके विकास के कई पक्षों  पर विचारों  को प्रस्तुति किया। शोध कार्य के छात्रों मुकुंद, हिमांशु, अंजली ने अनुकरणीय पहल की शुरुआत के छः माह के अनुभव को साझा किया।मिस स्वाति ने मंच संचालन एवम् मिस काजल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

 

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