स्वर कोकिला लता जी का निधन,राष्ट्रीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

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lata ji

मुंबई.मां सरस्वती के विसर्जन के दिन ही स्वर कोकिला और भारत रत्न लता मंगेशकर भी विदा हो गई। अपनी आवाज से कई पीढ़ियों के दिलों पर राज करने वाली लता जी का सोमवार को निधन हो गया है।लता जी के निधन के बाद देश में दो दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सहित देश के प्रमुख लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। मुंबई के शिवाजी पार्क में पूर्ण राष्ट्रीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
पिछले 29 दिन से वह मुम्बई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थीं। 8 जनवरी को लता मंगेशकर को कोविड पॉजिटिव पाया गया था। लता मंगेशकर के निधन पर पूरा देश दुखी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत देश की कई बड़ी हस्तियों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर लता मंगेशकर के निधन पर शोक व्यक्त किया और श्रद्धांजलि दी है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ट्वीट किया, मैं इसे अपना सम्मान मानता हूं कि मुझे हमेशा लता दीदी से अपार स्नेह मिला है। उनके साथ मेरी बातचीत अविस्मरणीय रहेगी। लता दीदी के निधन पर मुझे अपने साथी भारतीयों के साथ शोक है। उनके परिवार से बात की और संवेदना व्यक्त की।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जताते हुए कहा, लता जी का निधन मेरे लिए हृदयविदारक है, जैसा कि दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए है। उनके गीतों की विशाल श्रृंखला में, भारत के सार और सुंदरता को प्रस्तुत करते हुए, पीढ़ियों ने अपनी आंतरिक भावनाओं की अभिव्यक्ति पाई। उनकी उपलब्धियां अतुलनीय रहेंगी।
लता जी का जन्म 28 सितंबर, 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था। उनके पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर रंगमंच के कलाकार और गायक थे। लता जी को बचपन से ही गाने का शौक था और म्यूजिक में उनकी दिलचस्पी भी शुरू से ही थी। लता ने 13 साल की उम्र में पहली बार साल 1942 में आई मराठी फिल्म ‘पहली मंगलागौर’ में गाना गाया। हिंदी फिल्मों में उनकी एंट्री साल 1947 में फिल्म ‘आपकी सेवा’ के जरिए हुई। उन्होंने 80 साल के सिंगिंग करियर में अब तक 36 भाषाओं में करीब 50 हजार से ज्यादा गाने गाए हैं। साल 2015 में लता जी ने आखिरी बार निखिल कामत की फिल्म ‘डुन्नो वाय 2’ में गाना गाया था, उसके बाद से वो अब तक सिंगिग से दूर हैं।
       लताजी को मिले अवार्ड व सम्मान- फिल्मफेयर अवॉर्ड (1958, 1962, 1965, 1969, 1993 और 1994).नेशनल अवॉर्ड (1972, 1975 और 1990).महाराष्ट्र सरकार अवॉर्ड (1966 और 1967).1969- पद्म भूषण.1989-दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड.1993-फ़िल्मफेयर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड.1996-स्क्रीन ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड.1997-राजीव गांधी अवॉर्ड.1999-पद्मविभूषण, ज़ी सिने का लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड.2000-आई.आई.ए.एफ(आइफ़ा) का ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड.2001-स्टारडस्ट का लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड, नूरजहां अवॉर्ड, महाराष्ट्र भूषण अवॉर्ड.2001-भारत रत्न.2022-गणतंत्र दिवस समापन समारोह में “ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो पानी… “को शामिल किया जाना।

 

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