राजपथ पर रिपब्लिक डे परेड में दिखेंगे हीरो राजन कुमार

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Hero Rajan Kumar

संवाददाता.पटना.गणतंत्र दिवस के अवसर पर हर वर्ष दिल्ली के राजपथ पर होने वाले ऐतिहासिक परेड इस बार कोरोना की तीसरी लहर की वजह से बहुत तरह की पाबंदियां रहेगी लेकिन फिर भी 26 जनवरी तो उसी शान से मनाई जाएगी। कुछ गिने चुने कलाकार ही इस बार की झांकी में नजर आएंगे और उन सीमित फ़नकारों में एक नाम है हीरो राजन कुमार का, जो बिहार के मुंगेर जिला के टेटिया बम्बर प्रखंड के हैं। यह मुंगेरवासियो, बिहार वासियों और पुरे देश वासियों के लिए खुशी और प्रेरणा का विषय है।
गौरतलब है कि भारत सरकार देश की कला संस्कृति और शक्ति प्रदर्शन में कोई कसर नही छोड़ती है। 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ दिल्ली में हर साल ऐतिहासिक रिपब्लिक डे मनाया जाता है। जिसपर पूरी दुनिया की नज़र होती है। इसकी तैयारी कई महीने पहले से शुरू हो जाती है। इस बार रिपब्लिक डे परेड कोरोना प्रोटोकॉल को देखते और फॉलो करते हुए बहुत ही सीमित और सटीक तरीके से मनाया जाना है।
राजन कुमार दिल्ली पहुंच गए हैं और रात दिन लगातार राजपथ पर प्रैक्टिस करके 26 जनवरी परेड की तैयारी में जुटे हुए हैं। 1 अरब 30 करोड़ की जनता में नक्सल प्रभावित टेटिया बम्बर जिला मुंगेर बिहार के एक किसान परिवार के युवा का राजपथ पर होने वाली झांकी में कलाकार के तौर पर चुनाव होना अपने आप मे एक बड़ा अचीवमेंट है। शुरू से ही राजन कुमार को कला संस्कृति से बेहद लगाव रहा है। यही वजह है कि 1998 में भारत सरकार ने उन्हें छाव डांस के लिए नेशनल अवार्ड दिया था। 2004 में लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में उनका नाम शामिल हुआ। 2005 मे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने उन्हें सर्टिफिकेट दिया। और फिर उनका नाम चार्ली चैपलिन द्वितीय के रूप में पूरी दुनिया में जाना जाता है। कई खास मौके पर राजन कुमार ने भारत की कला संस्कृति को उजागर किया है इस बार मिनिस्ट्री ऑफ टेक्सटाइल (वस्त्र मन्त्रालय) की झांकी पर राजन कुमार एक गुजराती अटायर में नजर आएंगे। ड्रेस पहनते ही वह किरदार में आ जाते हैं। बहुत बड़ी पगड़ी कलरफुल ड्रेस एकदम से वस्त्र मंत्रालय की झांकी को जीवंत करते हुए राजन कुमार राजपथ पर मन मोहेंगे।
बताते चलें कि राजन कुमार की सोच शुरु से ही अलग रही है। यही वजह है कि बिहार में पहले कलाग्राम की स्थापना उन्होंने की। साथ ही साथ बाफ्टा को स्थापित किया। वह बिहार फिल्म एंड टेलीविजन आर्टिस्ट असोसिएशन ट्रस्ट के फाउंडर अध्यक्ष भी हैं। राजन कुमार ने बिहार की पहली हिंदी फिल्म शहर मसीहा नहीं बनाकर मुंगेरवासियो का सर ऊंचा किया है। जिसके “बिहार में टैलेंट है मगर साइलेंट है” जैसे डायलॉग काफी पॉपुलर हुए।

 

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