पंडित विप्लव कौशिक द्वारा श्रीमद्भागवत दर्पण हितोपदेश कथा

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Pandit Viplav Kaushik

संवाददाता.पटना.बाकरगंज स्थित ठाकुरबाड़ी में पटना के कला मंच में आयोजित आत्मा और परमात्मा के बीच श्रीमद्भागवत दर्पण हितोपदेश कथा व्यास पंडित विप्लव कौशिक द्वारा  परमहंसी संगीता भागवत कथा का श्रद्धालु रसामृत पान कर रहे हैं।
पंडित कौशिक ने बताया कि शौनक ने सूतजी से 7 प्रश्न किए सत्यम परम धीमहिकी अद्भुत व्याख्या की सत्य क्या है।सत्य का कोई रूप नहीं होता सत्य का कोई रंग नहीं होता सत्य की कोई आकृति नहीं होती सत्य की कोई प्रकृति नहीं होती सत्य की कोई विकृति नहीं होती सत्य का कोई शब्द नहीं होता वह निशब्द है। सत्य को लिखा नहीं जा सकता सत्य की कोई भाषा नहीं होती सत्य को शब्द प्रकट नहीं कर सकते सत्य निर्विचार है। सत्य की कोई जाति नहीं होती सत्य का कोई धर्म नहीं होता। सत्य की कोई परंपरा नहीं होती सत्य का कोई संप्रदाय नहीं होती।
सत्य तो उसके जैसा नित्य नूतन हैं सत्य नित्य ताजा होता है, सत्य नित्य निर्मल है, नित्य शुद्ध है, सत्य सत्य होता है, सत्य शीतल होता है, सत्य नित्य नवीन होता है,सत्य का कोई साक्षी नहीं होता, सत्य तो सास्वत है।सत्य तो पूर्ण अभय प्रदाता है।सत्कर्म करना ही सत्संग है।

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