बिहार विधानसभा भवन शताब्दी वर्ष समारोह,राष्ट्रपति हुए शामिल

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Vidhan Sabha Centenary Year

संवाददाता.पटना.महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरूवार को बिहार विधान भवन शताब्दी वर्ष समारोह का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। कार्यक्रम के शुभारंभ के पूर्व बिहार विधानसभा परिसर में महामहिम राष्ट्रपति ने शताब्दी स्मृति स्तंभ का शिलान्यास किया और पवित्र बोधि वृक्ष के शिशु पौधे का भी रोपण किया।
राष्ट्रपति का स्वागत विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया। बिहार की धरती आकर अभिभूत राष्ट्रपति ने यहां से अपने लगाव को बताया। उन्होंने कहा- “बिहार आता हूं तो लगता है अपने घर आया हूं। चाहता हूं कि देश की आजादी के सौ साल पूरे होने तक बिहार अग्रणी राज्य बने।’
मुख्यमंत्री से अपने लिए बिहारी शब्द सुनते पर उन्होंने अपने संबोधन में कहा- “मुख्यमंत्री जी जब मुझे बिहारी राष्ट्रपति के रूप में संबोधित कर रहे थे, तो मैं अंदर से गदगद महसूस कर रहा था, क्योंकि यह देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र बाबू की धरती है। यहीं के राज्यपाल रहे डॉक्टर जाकिर हुसैन साहब बाद में उप राष्ट्रपति बने, फिर राष्ट्रपति बने थे। उन्होंने जो विरासत छोड़ी है, उस विरासत को आगे बढ़ाने का दायित्व मुझे मिला। सचमुच जब मैं बिहार आता हूं तो मुझे लगता है कि मैं अपने घर में आया हूं।’
   राष्ट्रपति ने कहा- “कभी-कभी लोग हमारे सचिवालय में ही सवाल कर देते हैं आप बिहार का कोई भी निमंत्रण हो तो कभी टालमटोल नहीं करते? मैं कहता हूं कि बिहार से मेरा सिर्फ राज्यपाल का ही नाता नहीं है, बल्कि कुछ और भी नाता है। इस नाते को मैं ढूंढता रहता हूं। यहां भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था।’ उन्होंने कहा कि कुछ दिनों बाद हम सभी देशवासी दीपावली और छठ का त्योहार मनाएंगे। छठ पूजा अब ग्लोबल फेस्टिवल बन चुका है। नवादा से न्यूजर्सी तक और बेगूसराय से बोस्टन तक छठी मैया की पूजा बड़े पैमाने पर की जाती है। यह इस बात का प्रमाण है कि बिहार की संस्कृति से जुड़े उद्यमी लोगों ने विश्व स्तर पर अपना स्थान बनाया है। मुझे विश्वास है कि इसी प्रकार स्थानीय प्रगति के सभी आयामों पर भी आप मानदंड स्थापित करेंगे।
राष्ट्रपति ने विधायकों से कहा कि राज्य की जनता आप सभी जनप्रतिनिधियों को अपना भाग्य विधाता मानती है और उनकी आशाएं और आकांक्षाएं आपसे जुड़ी है। मुझे विश्वास है कि आप सभी विधायक अपने आचरण और कार्यशैली से जनता की आशाओं को यथार्थ रूप देने का प्रयास करते रहेंगे। मुझे विश्वास है कि 2047 तक यानी देश की आजादी के 100 वर्ष पूरे होने तक बिहार ह्यूमन डेवलपमेंट के पैमानों पर एक अग्रणी राज्य बन सकेगा।
राष्ट्रपति ने सामाजिक संकल्प अभियान के शिलापट्ट का भी रिमोट के माध्यम से शिलान्यास किया। राज्यपाल फागू चौहान ने बिहार विधानसभा की 100 वर्षों की गौरवपूर्ण यात्रा पर आधारित एक स्मारिका का भी विमोचन किया जिसकी पहली प्रति महामहिम राष्ट्रपति को भेंट की गयी। बिहार विधान भवन शताब्दी वर्ष समारोह कार्यक्रम में सदन में विमर्श ही संसदीय प्रणाली का मूल है’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया।
   कार्यक्रम को राज्यपाल फागू चौहान ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज बिहार विधान सभा भवन के 100 साल पूरा होने पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया है इसके लिए विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को धन्यवाद देते हैं। आदरणीय राष्ट्रपति महोदय ने इसके लिए जो समय दिया, सबलोगों के अनुरोध को स्वीकार किया उसके लिये मैं उन्हें हृदय से धन्यवाद देता हूं और अभिनंदन करता हूं। राष्ट्रपति महोदय का यहां से बहुत पुराना रिश्ता है। हमारे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी के बारे में सबको मालूम है कि ये बिहार में लगभग 2 साल के लिए राज्यपाल रहे थे। राज्यपाल के बाद पहली बार राष्ट्रपति बनने का इन्हें अवसर मिला। हम बिहारी लोग तो इनको बिहारी भी कहते हैं, क्योंकि ये बिहार के राज्यपाल रहते हुए राष्ट्रपति बने। इतनी बड़ी प्रतिष्ठा मिलने के बाद हमलोगों को बेहद खुशी हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा जी ने बहुत सारी बातों की जानकारी दी है। आप सबलोग जानते हैं कि बंगाल से 22 मार्च 1912 को बिहार अलग हुआ था। उसमें बिहार के साथ उड़ीसा भी उसका हिस्सा था। जब हमलोगों को काम करने का मौका मिला तो वर्ष 2009 से ही 22 मार्च को बिहार दिवस के रुप में मनाना शुरु किया। वर्ष 2012 में बिहार राज्य के 100 साल पूरा होने पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ था। उस समय के सभापति स्व० ताराकांत झा जी द्वारा कार्यक्रम के लिए किए गए मेहनत को हमेशा याद किया जाना चाहिए। 22 मार्च 2011 से विधायी परिषद बनी थी, उसके लिए कार्यक्रम शुरु किया गया था। उस कार्यक्रम में उस समय की राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल जी शामिल हुई थीं। पूरे एक साल तक कार्यक्रम चला था। 03 मई 2011 को पूर्व राष्ट्रपति आदरणीय डॉ० ए०पी०जे० अब्दुल कलाम साहब को बुलाया गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायी परिषद् की पहली बैठक पटना कॉलेज में 20 जनवरी 1913 को हुई थी। 100 वें साल में हमलोगों ने वर्ष 2012 में पटना कॉलेज में एक कार्यक्रम किया था। बिहार विधानसभा का भवन बना जिसमें 1920 में परिषद् भवन का निर्माण कराया गया। परिषद् भवन अब बिहार विधानसभा भवन कहलाता है। उसके 100 साल पूरा होने पर आज कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। उन्होंने कहा कि उस समय के विधानसभा अध्यक्ष श्री विजय कुमार चौधरी ने 07 फरवरी 2016 से इसके लिए कार्यक्रम की शुरुआत की थी। वे भी इसके लिए बधाई के पात्र हैं। उस समय के नए 98 विधायकों को बहुत सारी चीजों की जानकारी दी गई थी। हमलोगों ने बिहार विधान सभा भवन का विस्तारीकरण भी कराया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राष्ट्रपति जी ने शताब्दी स्मृति स्तंभ का शिलान्यास किया है। जब यह बनकर के तैयार होगा, तो बहुत सुंदर लगेगा। इस अवसर पर बोधगया से लाए गए शिशु बोधि वृक्ष का भी आज रोपण किया गया। उन्होंने कहा कि बुद्ध स्मृति पार्क में करुणा स्तूप का बुद्ध स्मृति संग्रहालय का निर्माण कराया गया। उसमें पहले हमलोगों ने मेडिटेशन केंद्र बनाया था। बुद्ध स्मृति पार्क में करुणा स्तूप बना है। करुणा स्तूप में 5 देशों से जापान, म्यांमार, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका एवं थाईलैंड से लाए गए भगवान बुद्ध के अवशेष को रखा गया है। इसके अलावा परम पावन दलाई लामा जी द्वारा लाए गए बोधि वृक्ष भी यहां पर लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि यहां पर विपश्यना केंद्र भी बनाया गया है। मेडिटेशन केंद्र को ही एक्सटेंशन करके विपश्यना केंद्र बनाया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह खुशी की बात है कि कल राष्ट्रपति जी बुद्ध स्मृति पार्क और विपश्यना केंद्र को देखने जाने वाले हैं। 03 जुलाई 2018 से विपश्यना केंद्र का नियमित संचालन हो रहा है। करीब-करीब 1200 लोग इसमें भाग ले चुके हैं। हमलोग चाहते हैं कि जितने भी सरकारी अधिकारी और कर्मचारी हैं वे विपश्यना केंद्र में जाएं और उसका अनुभव प्राप्त कर लें। जो सरकारी कर्मचारी और अधिकारी वहां जाएंगे उनको 15 दिन का अवकाश दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति महोदय वहां जाएंगे और कोई उनका सुझाव आएगा तो हमलोग उस पर काम करेंगे और इसे और बेहतर बनाएं। विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से यहां हर बार कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इनकी कोशिश है कि आगे आदरणीय प्रधानमंत्री जी को भी यहां लाएंगे, कार्यक्रम कराएंगे।
कार्यक्रम को बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा, बिहार विधान परिषद् के कार्यकारी सभापति  अवधेश नारायण सिंह ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री  रेणु देवी, संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, राज्य सरकार के अन्य मंत्रीगण, सांसदगण, विधायकगण, विधान पार्षदगण, पूर्व सांसदगण, पूर्व विधायकगण, पूर्व विधान पार्षदगण सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण पुलिस महानिदेशक एस0के0 सिंघल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, अपर मुख्य सचिव / प्रधान सचिव / सचिव सहित अन्य अधिकारीगण एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

 

 

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