श्रावण पूर्णिमा एवं रक्षाबंधन पर ॐ श्री राम मंदिर में संध्या श्रृंगार

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Shravan Purnima

संवाददाता.बख्तियारपुर.श्रावण पूर्णिमा एवं रक्षाबंधन के पावन अवसर पर स्थानीय ॐ श्री राम मंदिर में  कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए भगवान का भव्य संध्या श्रृंगार का आयोजन किया गया।हिन्दू पंचांग के अनुसार श्रावण मास में आने वाली पूर्णिमा श्रावण या श्रावणी पूर्णिमा कहलाती है। धार्मिक ग्रन्थों में इस दिन स्नान, तप और दान का विशेष महत्व है।
श्रावण पूर्णिमा के दिन ही रक्षाबंधन का त्यौहार भी मनाया जाता है। मध्य भारत और उत्तर भारत में कजरी पूर्णिमा का पर्व भी श्रावण पूर्णिमा के दिन ही मनाया जाता है। इस दिन यज्ञोपवीत पूजन और उपनयन संस्कार करने का विधान भी है। चंद्रदोष से मुक्ति के लिए श्रावण पूर्णिमा श्रेष्ठ मानी गई है।
श्रावण पूर्णिमा विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग प्रकार से मनाई जाती है, अतः इस दिन होने वाले धार्मिक कर्म इस प्रकार हैं-
●  श्रावण पूर्णिमा पर रक्षाबंधन मनाने की परंपरा है, अतः इस दिन देवी-देवताओं का पूजन कर रक्षासूत्र बांधें।
●  इस दिन पितरों के लिये तर्पण भी करना चाहिये।
●  गाय को चारा, चीटियों और मछलियों को आटा व दाने डालना चाहिए।
●  श्रावण पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण कलाओं में होता है अतः इस दिन चंद्रमा की पूजा करने से चंद्रदोष से मुक्ति मिलती है।
●  इस दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा का विधान है। विष्णु-लक्ष्मी के दर्शन से सुख, धन और समृद्धि कि प्राप्ति होती है।
चूंकि श्रावण मास में भगवान शिव की विशेष रूप से आराधना की जाती है इसलिए पूर्णिमा के दिन भगवान शंकर का रुद्राभिषेक करना चाहिए।

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