प्राइवेट अस्पतालों हो सेना के हवाले,फिक्स हो इलाज का रेट- पप्पू यादव

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संवाददाता.पटना. जन अधिकार पार्टी ( लो) राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के नाम पर मचे लूट पर जोरदार हमला बोला है और कहा है कि प्राइवेट अस्पतालों में सेना की तैनाती कर दी जाए। उन्होंने इसके लिए हाई कोर्ट से भी हस्तक्षेप की अपील की है। साथ ही कहा है कि प्राइवेट अस्पतालों में लूट की बड़ी वजह है कि उनके ज्यादातर मालिक किसी न किसी दल में पदाधिकारी हैं, खासकर सत्तारुढ़ दल में। ऐसे पप्पू यादव ने सरकार से मांग की है कि वे प्राइवेट अस्पतालों में इलाज की कीमत तय करें।

पप्पू यादव ने बुधवार को पटना आवास पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान ये बातें कही। उन्होंने प्राइवेट अस्पतालों कोरोना मरीजों से लिये गए लाखों रुपये के ट्रांजेक्शन को दिखाते हुए कहा कि सरकार ने अब तक प्राइवेट अस्पतालों के लिए टास्क फोर्स क्यों नहीं बनाया? आखिर सरकार की ऐसी कौन से मजबूरी है, कि महामारी के दौर में भी वे लूट में लगे लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही हैं? उन्होंने मांग करते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग के सभी पदाधिकारी, प्रभारी मंत्री, अधिकारी, दवा दुकान के मालिक, एम्बुलेंस मालिक और ड्राइवर के साथ – साथ इन सबों के परिजनों का मोबाइल भी सर्विलांस पर ले, पता चल जाएगा कि इन लोगों ने कितनी बड़ी लूट मचा रखी है। विकास भवन स्थित स्वास्थ्य विभाग लूट का अड्डा बना हुआ है।

उन्होंने एम्बुलेंस चालकों की मनमानी पर कहा कि कल PMCH में गोली एम्बुलेंस के वर्चस्व को लेकर चली थी। लगभग एम्बुलेंस मालिक बीजेपी, जदयू, राजद की पार्टी का झंडा लगा कर घूमते हैं। वही हाल ऑक्सीजन भेंडर का है, जो मनाने दाम पर लोगों से ऑक्सीजन के लिए पैसे लेते हैं। आज मनेर प्रमुख के पति को बायपास से रुबन लाने में 7 हजार रुपए मुझे देने पड़े, वरना उनकी मौत तय थी। आज तक की एक पत्रकार को अपनी माँ के लिए एक ऑक्सीजन सिलिंडर के लिए 95 हजार देने पड़े। IGIMS में एक लड़का कल भर्ती के लिए आया, जिसके साथ बदसुलूकी की गई और बेड नहीं मिलने की वजह से उसने दम तोड़ दिया। हम सरकार से मांग करते है कि कोरोना पेशेंट के लिए वो एम्बुलेंस का रेट तय करे। अगर सरकार देने में सक्षम नहीं होगी, तो हम उसका भुगतान करेंगे।

पप्पू यादव ने कहा कि कोरोना की इस भीषण महामारी में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि अगर कोई ऑक्सीजन की वजह से मरता है, तो यह नरसंहार है। हमने 15 दिन पहले कहा था कि अस्पतालों को सेना के हवाले किया जाय। माननीय पटना हाई कोर्ट ने भी इस बात को कहा। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि जो लोग सोशल मीडिया के जरिये मदद को आगे आ रहे हैं, उन पर किसी तरह की कार्रवाई पर माननीय न्यायालय बड़ी कार्रवाई करेगी। ऐसे में हम मांग करते हैं कि हाई कोर्ट और सर्वोच्च न्यायालय की बातों को लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार के लोगों ने बिना किसी व्यवस्था के लॉक डाउन कर अपना पल्ला झाड़ लिया है। हम उनसे मांग करते हैं कि लाठी गोली चलाने से पहले दवा, ऑक्सीजन और बेड की भी व्यवस्था करे, ताकि किसी की जान न जाये। साथ ही माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन हो और मदद करने वालों पर कार्रवाई नहीं की जाए।संवाददाता सम्मेलन में रंजेश रंजन पप्पू, राजू दानवीर और सच्चिदानंद राय भी मौजूद रहे।

 

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