कोरोना के मद्देनजर कर्मियों के स्थानांतरण पर तत्काल रोक की मांग

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संवाददाता.पटना. वैश्विक महामारी कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के बीच श्रम संसाधन विभाग ने अपने सैंकड़ों राजपत्रित और अराजपत्रित कर्मचारियों का स्थानांतरण आदेश निर्गत किया है जो बिल्कुल औचित्यहीन एवं गैर जरूरी है। श्रम संसाधन विभाग के अन्तर्गत सभी पक्षों में जैसे नियोजन, प्रशिक्षण,श्रम, कर्मचारी राज्य बीमा योजना आदि में बड़े पैमाने पर किया गया है जिसका विरोध गोप गुट आईटीआई कर्मचारी संघ, महासंघ ( गोप गुट) एवं ऐक्टू नेताओं ने किया है।

महासंघ (गोप गुट) के अध्यक्ष रामबली प्रसाद, महासचिव प्रेमचंद कुमार सिन्हा एवं ऐक्टू राज्य सचिव रणविजय कुमार ने मुख्यमन्त्री नीतीश कुमार से वैश्विक महामारी कोविड-19 के दिन प्रति दिन बेताहाशा बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर श्रम संसाधन  विभाग सहित अन्य विभागों में कर्मियों का किये जा रहे  थोक स्थानांतरण पर अविलम्ब रोक लगाने की मांग की है।

नेताओं ने कहा कि सार्वजनिक परिवहन रेल पूरी तरह बन्द है और कोविड 19 से संघर्ष में अभी अनलॉक-1 जारी है जिसके शर्तों के तहत बस जैसी सेवा मामूली तौर से जारी है बस द्वारा रात्रि में कर्फ्यू जारी है तथा अनावश्यक यात्रा नहीं करने का गाइड लाइन है तो ऐसे मे सुदूरवर्ती क्षेत्रों में स्थानांतरण कर यात्रा करने के लिए बाध्य किया जा रहा है।ऐसी परिस्थिति में स्थानांतरण करना एवं श्रम संसाधन विभाग द्वारा पन्द्रह जुलाई तक स्थानन्तरित कर्मियों को विरमित करने का आदेश दिया जाना अनुचित है।

नेताओं ने बताया कि श्रम संसाधन विभाग में प्रशिक्षण पक्ष के 260 में 161 ग्रुप अनुदेशक,37 में 37 प्रधान लिपिक ,120 में 37 उच्च वर्गीय लिपिक, वहीं नियोजन पक्ष में 42 लिपिक संवर्ग के कर्मियों को,श्रम पक्ष में सैंकड़ों श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी एवं लिपिक संवर्ग के 85 कर्मियों को, कर्मचारी राज्य बीमा योजना के 27 कर्मचारी को वहीं लगभग पच्चास राजपत्रित अधिकारियों जैसे प्राचार्य, चिकित्सक, सहायक निदेशक एवं नियोजन पदाधिकारी का स्थानांतरण किया गया है।

नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मामले का संज्ञान लेने की मांग करते हुए बताया कि श्रम विभाग में हुए स्थानांतरण में सामान्य प्रशासन विभाग एवं मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के स्थानान्तरण नीति का पालन नहीं किया गया है । आरोप लगाया कि लेन देन के आधार पर बड़े पैमाने पर स्थानांतरण किया गया है एवं कर्मचारियों तथा पदाधिकारियों का आर्थिक और मानसिक शोषण किया जा रहा है ,सरकारी परिपत्र में कहा गया है कि मात्र दस प्रतिशत कार्यरत बल का स्थानांतरण प्रतिवर्ष करना है लेकिन पच्चास से साठ प्रतिशत तक तो किसी संवर्ग में नब्बे प्रतिशत तक स्थानांतरण किया जाना बिहार सरकार के नीतियों का ही विभाग सबसे ज्यादा उलंघन कर रहा है और संघ महासंघ के पदाधिकारियों को भी नियम विरुद्ध स्थानांतरण किया गया है।

गोप गुट आईटीआई कर्मचारी संघ , महासंघ गोप गुट एवं ऐक्टू नेताओं रामबली प्रसाद,प्रेमचन्द कुमार सिन्हा व रणविजय कुमार ने नीतीश कुमार  से मांग किया है कि स्थिति सामान्य होने तक श्रम संसाधन विभाग में किए गए सभी स्थानांतरण आदेश स्थगित किया जाय तथा पन्द्रह जुलाई से विरमित करने के आदेश पर तत्काल रोक लगाया जाए।

 

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