राहत पैकेज अभूतपूर्व,बिहार की बदलेगी सूरत-संजय जायसवाल

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संवाददाता.पटना.वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज के तहत की घोषणाओं को बिहार के किसानों के हित में बताते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने वितमंत्री का आभार प्रकट किया. उन्होंने कहा “ भारत को आत्मनिर्भर बनाने के प्रधानमन्त्री जी के संकल्प के तहत आज की गयी घोषणाएं किसानों के जीवन के नया अध्याय जोड़ने वाली है.

उन्होंने कहा कि भारत की आत्मा गांवों में बसती हैं और बिना गांवों का उद्धार किये भारत का विकास नहीं हो सकता. इसीलिए प्रधानमन्त्री जी की विकास योजनाओं में शुरुआत से ही गांव, किसानों और पशुपालकों का अहम स्थान रहा है, जिसके सुखद परिणाम आज कई जगह देखने को मिल रहे हैं. विकास के इसी सिलसिले को कोरोना संकट से बचाए रखने के लिए आज माननीय प्रधानमन्त्री जी के निर्देश पर वित मंत्रालय ने हमारे किसानो, मत्स्यपालकों, डेयरी उद्योग में लगे लोगों के लिए, मधुमक्खी  पालकों के लिए जो हजारों करोड़ का विशेष पैकेज दिया है, इसके बहुत से दूरगामी फायदे होंगे. आज के पैकेज से जहाँ किसान इस बारे में आश्वस्त हो सकेंगे कि उन्हें अपने उत्पादों की कितनी कीमत मिलेगी, वहीं मत्स्य उद्योग में हम विश्व में नंबर 1 स्थान पर काबिज हो जाएंगे. इसके अलावा फसलों के ट्रांसपोर्टेशन और भंडारण में दी गयी 50% सब्सिडी किसानों की लागत को घटाने के साथ-साथ उन्हें एक सुरक्षित भविष्य के लिए आश्वस्त भी करेगी.”

डॉ जायसवाल ने कहा “ आज के पैकेज में माइक्रो फूड एंटरप्राइजेज (एमएफई) के फॉर्मलाइजेशन के लिए 10 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाने का ऐलान किया गया है, जिसके तहत देश के अलग-अलग हिस्सों के उत्पादों को ब्रांड बनाया जाएगा. इसमें बिहार का मखाना भी शामिल है. सरकार की यह अकेली घोषणा ही बिहार के मखाना उत्पादन और इसके व्यवसाय से जुड़े लाखों लोगों की किस्मत बदलने वाली है. देश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब बिहार के मखाना उत्पादकों को इतनी तरजीह दी गयी है. पूरे देश में लगभग 2 लाख खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को इसका लाभ मिलेगा.  इसके अतिरिक्त कृषि आधारित इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 1 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाने की भी घोषणा की गयी है, जिससे बिहार के कृषि उत्पादक संघों और कृषि आधारित अन्य उद्योगों को काफी सहायता मिलेगी.”

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा “ केंद्र सरकार द्वारा आज घोषित यह पैकेज खेती-किसानी की दशा और दिशा दोनों को बदल कर रख देने वाला है. इससे न केवल पलायन पर रोक लगेगी बल्कि कृषि क्षेत्र में रोजगार के नये अवसर भी खुलेंगे. किसानों और गांवो के आत्मनिर्भर होने पर ही आत्मनिर्भर भारत का संकल्प पूर्ण हो सकेगा.”

 

 

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