लॉकडाउन में रोजगार सृजन कार्यों की मुख्यमंत्री ने की समीक्षा

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संवाददाता.पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर किए जा रहे कार्यों एवं लॉकडाउन में रोजगार सृजन को लेकर किए जा रहे कार्यों के संबंध में मुख्य सचिव के साथ गहन समीक्षा की।मुख्यमंत्री ने कहा कि 7 निश्चय के कार्यक्रम अन्तर्गत हर घर नल का जल, हर घर तक पक्की गली-नालियां तथा शौचालय का निर्माण, जल-जीवन-हरियाली एवं मनरेगा के अन्तर्गत तालाबों/पोखरों का जीर्णोद्धार जैसे कार्य तेजी से हों।

समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि रोजगार सृजन का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना है ताकि मजदूरों को काम मिलने में कठिनाई न हो। मनरेगा के अन्तर्गत एक एकड़ से कम क्षेत्र वाले तालाबों का निर्माण शीघ्रता से हो। जल संसाधन विभाग कटाव निरोधक एवं बाढ़ सुरक्षात्मक कार्यों को ससमय पूर्ण कराये। इससे अधिक से अधिक जरूरतमंद लोगों अथवा मजदूरों को रोजगार मिल सकेगा, साथ ही बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य पूर्ण हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि रोजगार सृजन के क्रम में गाइडलाइन के अनुरूप स्थानीय मजदूरों का उपयोग किया जाय और स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिज्योर का पालन किया जाय।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जो जानकारी दी गयी है, उसके अनुसार रबी फसल की कटाई अंतिम चरण में है। किसानों के हित में गेहूं की अधिप्राप्ति का कार्य तेजी से कराना होगा और यह सुनिश्चित कराना होगा कि किसानों को अधिप्राप्ति कार्य में किसी प्रकार की कठिनाई न हो। ज्ञात हो कि पूर्व में गेहूं की अधिप्राप्ति कम होती थी। वर्तमान में लाकडाउन के कारण उत्पन्न समस्या को देखते हुये मुख्यमंत्री के निर्देश पर गेहूं अधिप्राप्ति का लक्ष्य 2 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 7 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया है ताकि अधिक से अधिक किसानों को उनकी उपज का बाजिव मूल्य मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे भी अधिक की अधिप्राप्ति की जाय ताकि अधिक से अधिक किसानों को लाभ मिल सके। कटाई के उपरांत फसल अवशेष को खेतों में जलाने से रोकने के लिये किसानों को प्ररित किया जाय। किसानों को इस बात के लिये भी प्रेरित किया जाय कि खेतों में फसल अवशेष जलाने से खेतों की उर्वरा शक्ति कमजोर होती है, साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावित जिलों में कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर चल रहे डोर टू डोर कैंपेनिंग कार्य में और तेजी लायी जाय। पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर अब तक 33 लाख 86 हजार 685 घरों का सर्वेक्षण हुआ है, जिसमें 1 करोड़ 84 लाख 5 हजार 712 लोग शामिल हैं। इनमें मात्र 980 लोगों में सामान्य बीमारी जैसे- सर्दी, खांसी एवं बुखार के लक्षण पाये गये हैं। यह लाकडाउन का परिणाम है जिसके कारण अन्य बीमारियों में भी कमी आयी है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही बर्ड फ्लू एवं स्वाइन फीवर को लेकर भी सतर्क रहने की जरूरत है। मुजफ्फरपुर एवं आसपास के इलाकों में ए0ई0एस0 और गया के इलाके में जे0ई0 को लेकर पूरी तरह सतर्क रहने की आवश्यकता है। जे0ई0 की वैक्सिन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाय।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के अंदर चल रहे आपदा राहत केन्द्रों में दिये जा रहे भोजन की गुणवता पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आवश्यकतानुसार आपदा राहत केन्द्रों की संख्या बढ़ायी जा सकती है, इसके लिये किसी प्रकार की धनराशि की कोई कमी नहीं है।मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के बाहर फॅसे लोग बिहार में रह रहे अपने निकट संबंधी एवं परिवार के सदस्यों के लिये परेशान न हों। हम उनका भी ध्यान रख रहे हैं। वर्तमान परिस्थिति में लाकडाउन समाज के व्यापक हित में है।

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