राष्ट्रीय पुस्तक मेला में राग और रंग का संगम

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संवाददाता.पटना.समय इंडिया ( नई दिल्ली) की ओर से स्थानीय गांधी मैदान में आयोजित 12 दिवसीय राष्ट्रीय पुस्तक मेला में शुक्रवार को पुस्तक प्रेमियों ने न सिर्फ जोरदार खरीदारी की, बल्कि जयप्रकाश भारती सभागार में राग और रंग का लुत्फ भी उठाया। सुबह से ही पुस्तक प्रेमियों, खासकर विद्यार्थियों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। विद्यार्थियों ने जहां विभिन्न कोर्सेस और प्रतियोगिता परीक्षाओं के बुक स्टालों का रुख किया, वहीं अन्य लोगों ने साहित्य, धर्म, ज्योतिष, कविता, कहानियों आदि के स्टालों का रुख किया। सूरज चढ़ने के साथ ही मेला परिसर में राग और रंग का समागम शुरू हुआ तो देर शाम तक चलता रहा।

मेला के मीडिया प्रभारी अशोक प्रियदर्शी ने बताया कि साहित्य, कला एवं संस्कृति को समर्पित राष्ट्रीय संस्था आगमन की ओर से जयप्रकाश भारती सभागार में कवि-गोष्ठी सह मुशायरे का आयोजन किया गया। मशहूर शायर नीलांशु रंजन की नज्म- उस रात चांद को निहारते हुए… को खूब तालियां मिलीं। चर्चित युवा कवि डा. पंकज प्रियम की कविता- मिट्टी हो, दीवार हो जानते हो… और वीणाश्री हेम्ब्रम की कविता- कुछ शब्द हैं, कुछ मौन हैं, अगर समझो तो… को कविता प्रेमियों ने खूब सराहा। चर्चित शायरा आराधना प्रसाद ने नज्म पढ़ा तो श्रोता वाहवाह कर उठे। इसके अलावा सुनील कुमार, डा. कल्याणी कुसुम, डा. पुष्पा जमुआर, शुभचंद्र सिन्हा, पूनम सिन्हा, अमित कुमार आजाद आदि ने भी अपनी कविताएं सूनाईं। मंच संचालन संस्था की सचिव वीणाश्री हेम्ब्रम ने किया।

समय इंडिया के प्रबंध न्यासी चंद्र भूषण ने बताया कि सूरज ढलने के साथ ही सभागार खचाखच भर गया। सैकड़ों पुस्तक प्रेमी बच्चों का नृत्य देखने और उनका उत्साह बढ़ाने के लिए सभागार में आ डटे। नृत्य प्रतियोगिता में शामिल बच्चे भी खूब उत्साहित दिखे और नाम पुकारे जाने के साथ ही मंच पर पहुंच कर अपना नृत्य प्रस्तुत कर रहे थे। आरती कुमारी की नृत्य प्रस्तुति के दौरान खूब तालियां बजीं। अन्य प्रतिभागियों में काजल  कुमारी, तनविहा अग्रवाल, राधिका कुमारी, निशा कुमारी, निधि अग्रवाल, चाहत कुमारी आदि शामिल रहीं। ज्यूरी में वरिष्ठ कवि और साहित्यकार डा. विनय कुमार विष्णुपुरी और हिंदी दैनिक आज के उप-संपादक प्रभात कुमार धवन शामिल हैं।

मेला की प्रबंधक दीपा कुमारी ने बताया कि शनिवार को मेला परिसर में 18 वर्ष से ऊपर के आयु वर्ग के युवाओं के लिए कहानी लेखन प्रतियोगिता का आयोजन रखा गया है। इसमें भाग लेने के इच्छुक युवा मेला के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मेला में देश के अनेक नामचीन प्रकाशक आए हुए हैं। इनमें नेशनल बुक ट्रस्ट और प्रकाशन विभाग, भारत सरकार के अलावा बिहार राष्ट्रभाषा परिषद्, जागृति प्रकाशन, शांति संदेश पुस्तकालय, रितेश बुक्स समेत करीब 80 प्रकाशक और वितरक शामिल हैं।

खास बात यह है कि इस पुस्तक मेला में नवोदित लेखकों जिन्होंने अपने संसाधन से पुस्तक प्रकाशित की है उनके लिए फ्री स्टाल उपलब्ध कराए गए हैं।इससे नवोदित लेखक बहुत उत्साहित हैं।नवोदित लेखक इशान दत्त बताते हैं कि उनके जैसे नए लेखकों के लिए मेला व्यवस्थापक ने जो सुविधा दी है इसके लिए वे उनके आभारी हैं।अवसर मिलने से उनकी अंग्रेजी नावेल की बिक्री तो हो ही रही है साथ ही युवा पाठकों से रू-ब-रू होने और उनकी रूचि जानने का जो मौका मिला है इससे भविष्य में लेखन का मार्गदर्शन भी मिल रहा है।

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