1,76,990 करोड़ के बजट में उर्जा एवं इम्फ्रास्ट्रक्चर को प्राथमिकता,कोई नया कर नहीं

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संवाददाता.पटना.मंगलवार विपक्षी सदस्यों के शोरगुल के बीच बिहार विधान सभा में उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील मोदी ने 1,76,990.27 करोड़ का बजट पेश किया.अपने बजट भाषण के दौरान मोदी ने राज्य सरकार की उपलब्धियों को रखा और कई घोषणाएं की.21,311.74 करोड़ के सरप्लस बजट में कोई नया कर नहीं लगाया गया है.

बजट भाषण के दौरान सुशील मोदी ने कहा कि 2005 में बिहार का बजट 23000 करोड़ रुपये का होता था। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य में कई नए नर्सिंग होम खोले जाएंगे। बिहार में हरित क्षेत्र को 15 से बढ़ाकर 17 प्रतिशत किया जाएगा। आईआईटी और मेडिकल कॉलेजों की व्यवस्था सुदृढ़ की जाएगी। इसके साथ ही सरकार कर राजस्व के जरिए 23 हजार करोड़ रुपये की कमाई की है। ग्रामीण कार्य विभाग का इस बार 10 हजार पांच करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।

मोदी ने कहा कि एक अप्रैल से बिहार में ऑनलाइन दाखिल-खारिज होगी। सुशील मोदी ने कहा कि कृषि रोड मैप से किसानों की तकदीर बदलेगी। स्वास्थ्य पर 7,793 करोड़ रुपये खर्च होंगे। वहीं, 2018-2019 में 11 हजार 203 करोड़ रुपये केराजकोषीय घाटे का अनुमान रखा गया है।
बिहार सरकार इस बार 1500 किलोमीटर नए सड़क का निर्माण करवाएगी। इसके साथ ही सरकार ने निबंधन शुल्क में बढ़ोत्तरी की है। इस एक लाख 85 मीट्रिक टन आनाज का उत्पादन हुआ है। उर्जा के लए इस साल 10 हजार 257 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। इसके साथ ही राज्य में नए इंजीनियरिंग कॉलेज खोले जाएंगे। राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में आई बैंक खोले जाएंगे।

उन्होंने कहा कि बजट का आकार बढ़ाना सरकार की उपलब्धि है। वहीं शिक्षा के क्षेत्र में सरकार इस बार 32 हजार 125 करोड़ रुपया खर्च करेगी। वहीं, जेपी के गांव सिताब दियारा के विकास के लिए 85 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मंदिरों की चाहरदीवारी के लिए सरकार 30 करोड़ रुपया खर्च करेगी।जबकि योजना के विकास पर दो हजार 841 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।राजस्व व भूमि सुधार विभाग के ऊपर 862 करोड़ रुपये खर्च होंगे। योजना के विकास पर 2,814 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सड़क निर्माण पर 17 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
पूरे बजट भाषण के दौरान विपक्ष सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रही थी। सृजन घोटाला, शौचालय घोटाला और मुजफ्फरपुर हादसे को लेकर सरकार से कार्रवाई की मांग कर रही है। विपक्ष का कहना था कि अगर सरकार कार्रवाई नहीं करती है तो सदन नहीं चलने देंगे।

बाद में संवाददाता सम्मेलन में सुशील मोदी ने बताया कि कृषि के अलावा उर्जा एवं आधारभूत संरचना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है.पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि जीएसटी लागू होने के बाद राजस्व का ग्रोथ 14 प्रतिशत होना चाहिए.अगर इससे कम होता है तो उसकी क्षतिपूर्ति केन्द्र करेगी.

 

 

 

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