पुलिस बल की सुविधाओं के लिए सरकार गंभीर- मुख्यमंत्री

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संवाददाता.पटना. मुख्यमंत्री  नीतीश  कुमार शनिवार को  मिथिलेश  स्टेडियम  में  बिहार पुलिस  वार्षिक  पारितोषिक  वितरण  समारोह  2018  के मुख्य  अतिथि  के रूप  में   संबोधित  करते  हुए कहा  कि सरकार पुलिस  बल  की  सुविधाओं  के  प्रति  गंभीर  हैं।

इस अवसर पर  मुख्यमंत्री  ने  कहा  कि  यूं  तो  पुलिस सप्ताह  का  आयोजन  1951  एवं  1958  में  किया  गया  था  लेकिन  वास्तविक  रूप  से  2007  से इसे  प्रारंभ  किया  गया  है  और  वर्ष  2013  से  22  फरवरी  से  27  फरवरी  तक  पुलिस  सप्ताह  का नियमित  रूप  से  आयोजन  हो  रहा  है।  पुलिस  सप्ताह  में  पुलिस  अधिकारी  आपसी विचार-विमर्श  करते  हैं  और  अपने  अनुभव  भी  साझा  करते  हैं।  उन्होंने  कहा  कि  इस  बार इनडोर  और  आउटडोर  सेशन  का  आयोजन  किया  जा  रहा  है।

उन्होंने  कहा  कि  रूल  ऑफ  लॉ स्थापित  करने  में  कामयाबी  मिली  है।  भारत  सरकार  के  राष्ट्रीय  अपराध  रिकार्ड  ब्यूरो  द्वारा 2016  के  जारी  आंकड़ों  के मुताबिक  देश  में  प्रति  एक  लाख  की  जनसंख्या  पर  233.6  के  तुलना में  बिहार  में  157.4  अपराध  के  आंकड़े  हैं  और  राज्य  का  स्थान  22वां  है।  महिला  अपराध  में राज्य  का  स्थान  29वां  है।  मुख्यमंत्री  ने  कहा  कि  मैं  अपनी  समीक्षा  बैठकों  के  दौरान  यह  सुझाव देता  रहा  हूँ  कि  वैज्ञानिक  तरीके  एवं  नवीनतम  तकनीक  के  इस्तेमाल  कर  अपराध  के  अनुसंधान किए  जाएं।  साथ  ही  परंपरागत  तरीके  के  ट्रेनिंग  में  भी  कमी  नहीं  होनी  चाहिये।  पुलिस  बल की  निरंतर  जागृति  एवं  लोगों  के संपर्क  से  अपराध  नियंत्रण में  सफलता  मिलेगी।

मुख्यमंत्री  ने  कहा  कि राज्य  में  एक  लाख  की  आबादी  के  लिए  जितने  पुलिस  बल  की  संख्या  की  जरूरत  हो, उसकी  नियमित  बहाली  होनी  चाहिए  साथ  ही  सेवानिवृति  होने  वाले  पदाधिकारियों  की  जगह नए  पदाधिकारी  की  नियुक्ति  भी  होनी  चाहिए।  2007  में पुलिस  एक्ट  बनाया  गया,  जिसमें  हर  थाने  में  जांच  और  कानून-व्यवस्था  को  दो  हिस्सों  में  बांट कर  काम  को  आसान  बनाया  गया।  दोनों  के  लिए  अलग-अलग  लोग  जिम्मेदारी  संभाल  रहे हैं।  हाल  ही  में  समीक्षा  बैठक  के  दौरान  अपराध  की  माइक्रो  लेवल  पर  चर्चा  हुई।  हमने  किस इलाके  में  किस  तरह  के  अपराध  हो  रहे  हैं,  इन  सबका  विश्लेषण  करने  को  कहा  है  ताकि  थाने एवं  उसके  नीचे  गांव  तक  में  किस  तरह  के  अपराध  हो  रहे  हैं,  उसके  बारे  में  जानकारी  मिल सके।

मुख्यमंत्री  ने  कहा  कि  पुलिस  अधीक्षक  को  पुलिस  लाईन  में  जाकर  नियमित  रूप  से समस्याओं  और  मिल  रही  सुविधाओं  का  निरीक्षण  करना  है।   ए0डी0जी0  या  आई0जी0  प्रोहिबिशन  का  पद  सृजित  किया गया  है।  इसमें  नई  तकनीक  का  प्रयोग  किया  जाएगा।  सूचना  देने  वाले  का  नाम  गुप्त  रखा जाएगा।  बिहार  के  पुलिस  बल  पर  मुझे पूरा  भरोसा  है।  मुझे  अपने  बिहार  की  पुलिस  पर  नाज  है।

मुख्यमंत्री  ने  कार्यक्रम  के  शुरूआत  में  परेड  का  निरीक्षण  किया  और  सलामी  ली।  इस अवसर  पर  मुख्यमंत्री  ने  आईपीएस  अधिकारी  आलोक  राज,  सुशील  मान  सिंह खोपड़े, जीतेंद्र  राणा,  गोपाल  प्रसाद,  अरविंद  कुमार  गुप्ता, जयंत  कांत  सहित अन्य  पुलिस  पदाधिकारियों  एवं  आरक्षियों  को  विशिष्ट  सेवा  पदक/वीरता  पदक  से  अलंकृत किया।  साथ  ही  सात  नागरिकों  को  भी  वीरता  के  लिये  प्रशस्ति  पत्र  से  सम्मानित  किया।

इस  अवसर  पर  पुलिस  महानिदेशक  पीके  ठाकुर,  प्रधान  सचिव  गृह  आमिर सुबहानी,  मुख्यमंत्री  के  प्रधान  सचिव  चंचल  कुमार,  पुलिस  महानिदेशक  प्रशिक्षण  केएस  द्विवेदी,  पुलिस  महानिदेशक  सह  आयुक्त  नागरिक  सुरक्षा  रविंद्र  कुमार, महानिदेशक  सह  अध्यक्ष  बिहार  पुलिस  भवन  निर्माण  निगम  सुनील  कुमार,  पुलिस महानिदेशक  बिहार  सैन्य  पुलिस  गुप्तेश्वर  पाण्डेय,  मुख्यमंत्री  के  सचिव  मनीष  कुमार वर्मा  सहित  अन्य  वरीय  पुलिस  पदाधिकारी,  पूर्व  पुलिस  अधिकारी,  उनके  परिवारजन  एवं  अन्य गणमान्य  व्यक्ति  उपस्थित  थे। ’

 

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