मुख्यमंत्री ने की पूर्णिया प्रमंडल के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक

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संवादददाता.पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरूवार को पूर्णिया जिले के समाहरणालय सभागार में विकास कार्यों की समीक्षा बैठक की।समीक्षा बैठक में पूर्णिया, अररिया, कटिहार एवं किशनगंज जिले में सात निश्चय एवं अन्य विकासात्मक कार्यों की जिलावार अद्यतन रिपोर्ट एवं उनमें आ रही समस्याओं के समाधान पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई।

प्रमंडल स्तरीय समीक्षात्मक बैठक में लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, लोक सेवा का अधिकार कानून, धान अधिप्राप्ति के साथ सात निश्चय के अंतर्गत स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, कुशल युवा कार्यक्रम, महाविद्यालय/विश्वविद्यालय में मुफ्त वाई-फाई की सुविधा, हर घर बिजली कनेक्शन, हर घर तक पक्की गली-नाली योजना, हर घर नल का जल, ग्रामीण टोला संपर्क योजना, शौचालय निर्माण घर का सम्मान, अवसर बढ़े, आगे पढ़ें की बिंदुवार एवं जिलावार समीक्षा की गई। संबंधित विभाग के प्रधान सचिव/सचिव और चारों जिलों के जिलाधिकारियों ने अपने-अपने जिले की वर्तमान स्थिति इन विकास योजनाओं के संबंध में प्राप्त उपलब्धियों एवं लक्ष्य को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा।

समीक्षा बैठक के क्रम में मुख्यमंत्री ने कॉलेज और यूनिवर्सिटी कैम्पस में छात्रों को मुफ्त वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराने में आ रही बिजली की समस्या पर अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि महाविद्यालय और विश्वविद्यालयों में इंटरनल बिजली की स्थिति ठीक करने के लिए यदि जरूरत हो तो स्पेसिफिक पैसा ग्रांट पर राज्य सरकार द्वारा दिया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एनजीओ द्वारा शौचालय निर्माण में पहले जो फर्जीवाड़ा किया जा चुका है, उसकी ग्राउंड रियलिटी को भी समझना होगा नहीं तो ओडीएफ का काम पूरा नही हो पायेगा। लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के समक्ष जान-बूझकर उपस्थित नहीं होने वाले अधिकारियों पर अनुशासनिक कार्रवाई करने का निर्देश मुख्यमंत्री ने दिया।

उन्होंने कहा कि लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के अंतर्गत शिकायतों का निष्पादन निर्धारित समय सीमा के अंदर हर सूरते हाल में होना चाहिए। जिलाधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए ब्लॉक और सब डिवीजन का दौरा करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसे पूरी तरह दुरुस्त करिये। इस काम मे कोताही बरतने वाले और अपनी जगह जान-बूझकर दूसरे अधिकारियों को लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के समक्ष दूसरे व्यक्ति को भेजने वाले अधिकारियों को चिन्हित कर तत्काल कार्रवाई करें।

मुख्यमंत्री ने बाढ़ से सिंचाई बांध, सड़क, मकान के साथ ही अन्य तरह की हुई क्षति के रेस्टोरेशन का मॉनिटरिंग करने का निर्देश जिलाधिकारियों को दिया। उन्होंने कहा कि सभी जिलाधिकारी रेस्टोरेशन का काम जाकर अवश्य देखें क्योंकि मध्य मई तक ही काम हो पायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिनके अपने खेत नही हैं, उन्हें मकान बनाने के लिए मिट्टी और बालू तत्काल उपलब्ध कराए ताकि उन्हें मकान बनाने में सहूलियत हो सके। इसके अलावे जिन लोगों के मकान की क्षति हुई हैं, उन्हें मकान निर्माण के लिए राशि जल्द से जल्द मुहैया कराए, जिन लोगों का नाम सर्वे में आया है।

बैठक में पूर्णिया, अररिया, कटिहार एवं किशनगंज के विधायकों, विधान पार्षदों, जिला परिषद और नगर परिषद के जनप्रतिनिधियों द्वारा शौचालय निर्माण, विद्यालय भवन की जर्जर स्थिति, नदियों में कटाव, जमीन की समस्या, आंगनबाड़ी सेविका/सहायिका की नियुक्ति में गड़बड़ी, पेंशन योजना, दाखिल-खारिज, पी0डी0एस0, शिक्षा, स्वास्थ्य, जलजमाव, अतिक्रमण, सड़क निर्माण, धान अधिप्राप्ति, बिजली, सिंचाई, विस्थापन की समस्या जैसे अन्य कई क्षेत्रों से जुड़ी समस्याएं, सुझाव और शिकायतें मुख्यमंत्री के समक्ष रखी गयी।

समीक्षा बैठक में जनप्रतिनिधियों द्वारा उठायी गयी समस्याओं पर संबंधित विभाग के अधिकारियों ने रिस्पॉन्ड करते हुए इस दिशा में त्वरित सकारात्मक कार्रवाई करने का आश्वासन मुख्यमंत्री के समक्ष जनप्रतिनिधियों को दिया।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पटना से उच्चाधिकारी मीटिंग से जुड़े थे।समीक्षा बैठक में आपदा प्रबंधन मंत्री सह पूर्णिया जिले के प्रभारी मंत्री दिनेश चन्द्र यादव, ऊर्जा, मद्य निषेध एवं निबंधन मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामनारायण मंडल, कला, संस्कृति मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि, खान एवं भूतत्व मंत्री विनोद कुमार सिंह, सांसद संतोष कुशवाहा, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी व चारों जिलों के जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक उपस्थित थे।

 

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