जानिए…आपकी कुंडली में विदेश-यात्रा योग है या नहीं

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मुकेशश्री.
इनदिनों विदेश में सेटल्ड होना या विदेश-यात्रा करना करियर के हिसाब से या परिवार के हिसाब से बेहतर माना जाता है.युवाओं में तो ये जुनून के रुप में देखा जाता है.ज्योतिषीय दृष्टि से अगर हम बात करें तो कुंडली में कुछ योग ऐसे होते हैं जो विदेश में सेटल्ड  कराते हैं या कराने में मदद करते हैं
यहां कुंडली में ऐसे ही कुछ योग की चर्चा की जा रही है.विदेश में सेटल्ड होने का मतलब मातृभूमि का त्याग है और यह तभी संभव है जब मातृभूमि का कारक भाव चौथा घर का पाप प्रभाव में हो या पीड़ित हो ताकि मातृभूमि नाश का योग बने.
इसके लिए कुछ और सपोर्टिव योग जरुरी है.मसलन विदेश के लिए कुंडली का 12वां घर माना जाता है,साथ ही विदेश यात्रा के लिए नौवां घर होता है.इन दोनों का मजबूत होना या दोनो घर के स्वामी का मजबूत होना जरुरी है.
यदि चौथे और बारहवें घर का आपस में संबंध बन जाता है या इनदोनों के स्वामी एक दूसरे के साथ संबंध बना रहे हों तो विदेश प्रवास का ये योग और भी प्रबल बन जाता है.लग्नेश 12वें घर हो या 12वे घर का स्वामी लगन  में अवस्थित हो तो भी यह सफल योग बनता है.अगर लगनेश और द्वादशेश एक दूसरे के घर में  चला जाए तो योग की प्रबलता और बढ जाती है. लग्निश का  6ठे घर में होना विदेश का
योग बनाता है. लेकिन विदेश सेटल्ड होने के लिए जरुरी है कि चौथा घर किसी भी तरह से पाप पीड़ित हो. (लेखक ज्योतिष के जानकार हैं.इनसे 9097342912 पर संपर्क किया जा सकता है )

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