झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा को तीन वर्ष की सजा

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संवाददाता.नई दिल्ली/रांची.झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को कोयला घोटाले में सजा तीन साल की सजा सुनाई गयी है।दिल्ली की पटियाला हाउस स्थित सीबीआई की विशेष कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस भरत पराशर ने कोयला घोटाला के मामले में शनिवार को यह फैसला सुनाया।

राज्य के तत्कालीन मुख्य सचिव एके बसु, कोड़ा के सहयोगी विजय जोशी, केंद्रीय कोयला सचिव एचसी गुप्ता को भी 3-3 साल की सजा सुनाई गई है, साथ ही उन पर जुर्माना भी लगाया गया है।जबकि कंपनी विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड (विसुल) पर 50 लाख का जुर्माना लगाया गया है। सजा सुनाये गये सभी दोषियों को हाईकोर्ट में अपील के लिए दो महीने की अंतरिम जमानत भी सीबीआई कोर्ट से मिल गयी है।

इन सभी पर आरोप है कि साल 2007 में हुए कोयला घोटाले के वक्त इन लोगों ने अपने पदों का दुरुपयोग किया था। इनके खिलाफ बहुचर्चित कोयला घोटाले में कोलकाता की कंपनी विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड (विसुल) को गलत तरीके से राजहरा नॉर्थ कोल ब्लॉक आवंटित करने का आरोप है।राजहरा झारखंड के पलामू में है।

नॉर्थ कोल ब्लॉक विसुल को आवंटित करने के लिए सरकार और इस्पात मंत्रालय ने कोई अनुशंसा नहीं की थी। तब तत्कालीन कोयला सचिव एचसी गुप्ता और झारखंड के तत्कालीन मुख्य सचिव अशोक कुमार बसु की सदस्यता वाली 36वीं स्क्रीनिंग कमेटी ने अपने स्तर पर ही इस ब्लॉक को आवंटित करने की सिफारिश कर दी। इसी को आधार बनाकर तत्कालीन मधु कोड़ा सरकार ने यह कोयला खदान विसुल को आवंटित कर दी। साल 2007 में हुए इस आवंटन के बदले अरबों रुपये की रिश्वतखोरी और हेरफेर का आरोप लगाया गया। कि स्क्रीनिंग कमेटी ने इस मामले में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी अंधेरे में रखा। तब कोयला मंत्रालय का प्रभार भी प्रधानमंत्री के ही पास था। लिहाजा उन्हें इसकी जानकारी देनी चाहिए थी।

 

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