रन टू ब्रीथ हाफ मैराथन,मैसेज के साथ प्रतिभाओं की खोज

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फ़ज़ल इमाम मल्लिक.

धरती को बचाने और युवा प्रतिभाओं को सामने लाने की यों तो एक छोटी सी मुहिम है ‘रन टू ब्रीथ’ हाफ मैराथन.लेकिन इसका फलक बहुत बड़ा है.गाजियाबाद के वसुंधरा इलाके में करीब तीन साल पहले कुछ उत्साही लोगों ने खेल-खेल में इस खेल की शुरुआत की.रोयोन सामाजिक संस्थान के बैनर तले पहली रन टू ब्रीथ हाफ मैराथन का आयोजन किया गया.सफाई एक्सप्रेस और सफाई मुहिम जैसी संस्थाओं ने हाथ बढ़ाया और रन टू ब्रीथ में धावकों ने हिस्सा लेकर लोगों को संदेश दिया, पर्यावरण बचाने का और खेल प्रतिभाओं को सामने लाने का.

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए इस हाफ मैराथन का नाम ‘रन टू ब्रीथ’ दिया गया. फिर कुछ हाथ और जुड़े. हाफ मैराथन का विस्तार हुआ. हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पिती के ताबो में दूसरी और हल्दीघाटी में तीसरी हाफ मैराथन हुई. बाद के दोनों हाफ मैराथन भारतीय पुरातत्व संरक्षण के साझेदारी में हुए और दूरदर्शन के स्पोर्ट्स चैनल पर इसकी रिकार्डिंग दिखाई गई तो आयोजकों का आत्मबल बढ़ा.

हाफ मैराथन की सीरीज में चौथा आयोजन गाजियाबाद मे 2016 में हुआ और अब 2017 में गाजियाबाद हाफ मैराथन 17 दिसंबर को होने जा रही है. दो साल के इस सफर के दौरान रन टू ब्रीथ हाफ मैराथन का यह पांचवा आयोजन है और गाजियबाद हाफ मैराथन का तीसरा संस्करण. इस दौरान कई बड़ी खेल हस्ती इस मैराथन से जुड़े.

रन टू ब्रीथ हाफ मैराथन के सदभावना राजदूत बने.केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री रन टू ब्रीथ के मुख्य संरक्षक के तौर पर जुड़ने को सहमत हुए. द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित मशहूर पहलवान महाबली सतपाल, अर्जुन पुरस्कार विजेता धावक श्रीराम सिंह, अर्जुन पुरस्कार धाविका सुमन रावत, मैराथन धाविका आशा अग्रवाल, भारतीय हाकी टीम के पूर्व कप्तान ओलंपियन जफर इकबाल, द्रोणाचार्य हाकी कोच एके बंसल, ओलंपियन मुक्केबाज अखिल कुमार, ओलंपियन व अर्जुन पुरस्कार विजेता तीरंदाज लिंबा राम, ओलंपियन धावक सपना पूनिया, ओलंपियन तीरंदाज सकलांग दोरजी जैसी खेल हस्तियों ने हाफ मैराथन को ऊंचाई भी दी और लोकप्रिय भी बनाया.

गाजियाबाद हाफ मैराथन के नए संस्करण में धावकों ने जिस तरह का उत्साह दिखाया है, उससे आयोजकों का उत्साह भी बढ़ा है. मलय सौरभ और अमित किशोर ने इसमें दिलचस्पी लेकर इसकी शुरुआत की थी. लेकिन इस बार के आयोजन में आभा राय, लक्ष्मी, मधु सौरभ, गिरीश शर्मा, दर्शनलाल चमोली, केपी सिंह, बीसी लोहानी, नितिन त्यागी, हरीश ममगई, वीके सिंह, अंजली सूद, संजय गुप्ता, योगेश कौशिक, संजय गुप्ता, अनिल शर्मा, डा. सचिन भार्गव, मृतुंजय पांडेय, विवेक त्रिपाठी और शशि ने हाफ मैराथन को कामयाब बनाने के लिए जीतोड़ मेहनत की. इसी का नतीजा है कि हाफ मैराथन में इस बार बड़ी तादाद में स्कूली बच्चों और महिलाओं ने दिलचस्पी ली है. गाजियाबाद नगर निगम इसका साझीदार बना है.

पिछले साल बुलंदशहर के साहेब सिंह ने हाफ मैराथन जीती थी. हाफ मैराथन के अलावा दस किलोमीटर, पांच किलोमीटर व ढाई किलोमीटर की दौड़ भी होगी. इसके अलावा ढाई किलोमीटर पैदल चाल में भी प्रतियोगी हिस्सा लेंगे. खेलों के साथ स्वच्छता के प्रति भी लोगों को जागरूक बनाने के लिए इसका आयोजन किया गया है.मैराथन की शुरुआत वसुंधरा के अटल चौक से होगी. विजेताओं को करीब देढ़ लाख की ट्राफी व इनामी रकम के अलावा डेकाथलन व एटलस साइकिल की तरफ से भी पुरस्कार दिए जाएंगे. इसके अलावा सभी प्रतिभागियों को मेडल और सर्टिफिकेट भी मिलेंगे.

हाफ मैराथन महिला व पुरुष दोनों वर्गों में होगा. हाफ मैराथन के दौरान जुंबा की प्रस्तुति भी होगी. कई सामाजिक संगठनों ने रन टू ब्रीथ को सफल बनाने के लिए रोयोन से हाथ मिलाया है. इसके अलावा स्थानीय पार्षदों व नागरिकों ने भी इस आयोजन को लेकर उत्साह दिखाया है. हाफ मैराथन का मकसद युवा खेल प्रतिभाओं की तलाश के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता और पर्यटन को बढ़ावा देना है. रन टू ब्रीथ हाफ मैराथन में देश भर के धावक हिस्सा ले रहे हैं. आस्क योर ट्रिप्स, मिसाकी, यूटीआई म्युचुअल फंड, स्पर्श, आर्थोशेड, कमल अस्पताल, एलेक्ट्रोबियोन, डेकाथेलान और आईसीआईसीआई प्रुडेनशियल, सिटीअस हालीडेज, फार्म विले, गोल्डन ट्यूलिप व एटलस साइकिल मैराथन के साझीदार हैं.

 

 

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