चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष में स्वच्छता मिशन उपेक्षित-सुशील मोदी

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संवाददाता.पटना.केरल और हिमाचल जहां हर घर में शौचालय बनवा कर खुले में शौच से मुक्ति का सौ फीसदी लक्ष्य पूरा कर चुके हैं और गुजरात, बंगाल में 51 प्रतिशत तथा हरियाणा में 84 फीसद लक्ष्य हासिल हो चुका है, वहीं बिहार स्वच्छता मिशन के आखिरी पायदान पर है। जिस सुस्ती से राज्य में शौचालय बन रहे हैं, उससे तो 25 साल में भी खुले में शौच से मुक्ति नहीं मिलेगी।यह कहना है पूर्व उपमुखायमंत्री सुशील मोदी का.
एक बयान में श्री मोदी ने कहा कि चार साल में 8,343 पंचायतों को स्वच्छ बनाने के लक्ष्य की जगह अभी मात्र 152 पंचायतों में शौचालय बन पाये। 2015-16 में 28 लाख 37 हजारपरिवारों के लिए शौचालय बनने थे। सिर्फ 4 लाख 27 हजार शौचालय बनवा कर मात्र 15 फीसद लक्ष्य हासिल हो सका।
उन्होंने कहा कि चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष में बापू के स्वच्छता संबंधी आग्रहों को ताख पर रख दिया गया है। 2016-17 में 50 लाख 76 हजार शौचालय बनवाने के लक्ष्य की तुलना में केवल 3 लाख 19 हजार शौचालय बने। बाकी के दो माह में क्या सरकार 47 लाख 57 हजार शौचालय बनवा सकती है? मुख्यमंत्री बतायें कि क्या वे दो साल में डेढ़ करोड़ परिवारों को खुले में शौच से मुक्ति दिला कर अपना वादा पूरा कर पाएंगे?

 

 

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