बाप-बेटे का टकराव बरकरार,थम नहीं रहा सपा का घमासान

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संवाददाता.लखनऊ.समाजवादी पार्टी में घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है.रविवार को रामगोपाल यादव द्वारा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाये जाने के बाद एक तरफ मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को जहां राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया और शिवपाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया औऱ अमर सिंह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया. यह सब राष्ट्रीय अधिवेशन में हुआ.वहीं मुलायम गुट ने रामगोपाल सहित तीन नेताओं को पार्टी से बाहर किया.

इससे पहले रामगोपाल ने अधिवेशन बुलाया था. अधिवेशन में प्रस्ताव लाकर मुलायम सिंह यादव को अध्यक्ष पर से हटाकर उन्हें संरक्षक बना दिया गया और नये अध्यक्ष के रूप में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को चुन लिया गया. अधिवेशन में तीन प्रस्ताव पास किए गए. शिवपाल यादव को स्टेट प्रेसिडेंट पद से हटा दिया गया तथा अमर सिंह को छः साल तक के लिए पार्टी से बाहर कर दिया. शिवपाल यादव की जगह नए अध्यक्ष विधानपरिषद सदस्य नरेश उत्तम को बना दिया. हालांकि मुलाय सिंह यादव ने अखिलेश यादव के द्वारा बुलाए गए अधिवेशन को खारिज कर 5 जनवरी को पार्टी का अधिवेशन बुलाया है. बाद में उन्होंने रामगोपाल को पार्टी से बाहर कर दिया.

पहले प्रस्ताव में अखिलेश यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया.साथ ही प्रस्ताव पास कर अखिलेश को यह अधिकार दिया गया कि वे राष्ट्रीय कार्यकारिणी,संसदीय बोर्ड और देश के सभी राज्यों में संगठनों का जरूरत के मुताबिक गठन करें. इस प्रस्ताव की सूचना चुनाव आयोग को भेजने की घोषणा की गई. दूसरा प्रस्ताव मुलायम सिंह यादव को पार्टी का संरक्षक बनाया गया. तीसरा प्रस्ताव शिवपाल यादव को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया गया और अमर सिंह को पार्टी से बाहर किया गया. शिवपाल और अमर सिंह को लेकर अखिलेश ने कई बार विरोध दर्ज कराया था.

उधर पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाए जाने पर रामगोपाल को मुलायम सिंह ने तीन दिन में दूसरी बार पार्टी से निकाला. मुलायम सिंह यादव ने पत्र जारी कर रामगोपाल को पार्टी से निष्कासित किया तथा रामगोपाल के अलावे मुलायम सिंह ने किरणमय नंदा और राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल को भी पार्टी से बाहर कर दिया. मुलायम सिंह ने कहा कि अखिलेश द्वारा अधिवेशन बुलाना असंवैधानिक है.

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