समीक्षा के बाद सीएम की दियारावासियों से सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील

811
0
SHARE

unnamed (3) (1)

निशिकांत सिंह.पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मुख्य सचिवालय स्थित सभाकक्ष में विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की. समीक्षा बैठक में जिलावार विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तृत समीक्षा की गयी. समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ की स्थिति पर निरंतर निगरानी रखी जाय. मुख्यमंत्री ने कहा कि राजकोष पर सबसे पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है.

समीक्षात्मक बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के कई जिलों, प्रखण्डों में जल पलावन की स्थिति उत्पन्न हुयी है. दियारा क्षेत्र में कई वर्षों के बाद इतना पानी आया है. जब भी सोन नदी का बहाव ज्यादा हुआ है या नेपाल में भारी वर्षा हुयी है तो बिहार में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है. उन्होंने कहा कि जो भी जरूरी कदम उठाने हैं, उठाये जा रहे हैं. राहत शिविर तथा अन्य कार्य जो आवश्यक हैं, की जा रही है. उन्होंने कहा कि झारखण्ड एवं मध्यप्रदेश में भारी वर्षा होने के कारण सोन नदी में बार-बार उफान आ रहा है, इस कारण से इन्द्रपुरी बराज से ज्यादा पानी छोड़ा जा रहा है. गंगा के अप स्ट्रीम में ज्यादा बहाव नहीं है. गंगा में मिलने वाली नदियों के कारण गंगा का जलस्तर बढ़ा है. बाणसागर बांध से काफी मात्रा में पानी छोड़ा गया है. आज रात या कल सुबह पानी यहां पहुंचेगा, जलस्तर जो कमा है, फिर से ऊपर उठेगा. इसका आकलन करते हुये दियारा क्षेत्र के लेागों से अपील करता हूं कि वे दियारा क्षेत्र छोड़कर राहत शिविरों में आ जायें. राहत शिविरों में उनके आवासन एवं भोजन की समुचित व्यवस्था रहेगी. पशुओं को भी इन क्षेत्रों से निकालना है. दोनों के लिये राहत शिविर लगाया गया है. सभी तैयारी करने का निर्देश दिया गया है. बालू ढ़ोने वाले बड़े नावों को पशु एवं आदमी को निकालने के कार्य में लगाया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जो भी नाव चलाये जा रहे हैं, उस पर लाल झंडा लगाया गया है. साथ ही उस पर स्पष्ट उसकी क्षमता दर्शायी गयी है. साथ ही यह भी लिखा हुआ है कि यह सेवा निःशुल्क है. उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत कार्य में लगाये गये निजी नावों का भुगतान तथा नाविकों की पारिश्रमिक का ससमय भुगतान कर दिया जायेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत कार्य में एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीम लगी हुयी है. साथ ही अगर एयर लिफ्ट करने की आवश्यकता पड़ी तो उसकी भी तैयारी कर ली गयी है. सेना से बात की गयी है, सभी को अलर्ट पर रखा गया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना शहर की स्थिति की पूरी समीक्षा की गयी है. बांध के अंदर के इलाकों में पानी आया है. शहर में अब तक पानी घुसने की संभावना नहीं है. उन्होंने कहा कि लोगों को राहत उपलब्ध कराने के लिये राहत शिविर वृहत पैमाने पर लगाये गये हैं और लगाये जायेंगे. सभी परिस्थिति का आकलन किया जा रहा है. लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सभी सजग हैं। उनके गांवों की नियमित पेट्रोलिंग की जायेगी. उनके गांव की सुरक्षा का ध्यान रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि राहत शिविर में आये लोगों को भोजन के लिये थाली, लोटा, कटोरा आदि उपलब्ध कराया जायेगा। साथ ही उनके लिये न्यूनतम वस्त्र की व्यवस्था भी की जायेगी, इसका भुगतान मुख्यमंत्री राहत कोष से किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे सरकार का सिद्धांत रहा है कि राजकोष पर सबसे पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का होता है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संसाधन विभाग को सभी बांधों की स्थिति पर निरंतर नजर रखने का निर्देश दिया गया है. पथ निर्माण तथा ग्रामीण कार्य विभाग को सड़कों की मरम्मति के लिये सजग रहने का निर्देश दिया गया है. वैसे सड़क जिस पर बाढ़ का पानी आ गया है या बाढ़ में क्षतिग्रस्त हो गया है, उसकी मरम्मति का कार्य तुरंत किया जाय. उन्होंने कहा कि नदियों में जलस्तर गिरने के बाद कटाव की स्थिति उत्पन्न होती है, उसके लिये भी सजग रहें. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी अधिकारियों की छुट्टी रद्द कर दी गयी है तथा बाढ़ प्रभावित जिलों में आवश्यकतानुसार अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की जा रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को भयभीत नहीं होना चाहिये। हिम्मत से मिल-जुलकर परिस्थिति का सामना करना चाहिये. उन्होंने दियारा क्षेत्र के लोगों को बाहर आने के लिये तैयार रहने का अनुरोध किया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जो बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुयी है, उसका प्रमुख कारण गंगा नदी का सिल्टेशन है. उन्होंने कहा कि फरक्का डैम बनने के बाद गंगा नदी में सिल्ट जमा होने लगा है, जिससे यह स्थिति बन गयी है। गंगा नदी आज छिछली हो गयी है. उन्होंने कहा कि गत दस वर्षों से मैं केन्द्र सरकार के सामने यह सवाल निरंतर उठा रहा हूं. गंगा नदी की गहराई घट रही है, जिस कारण से पानी आने पर उसका फैलाव हो जाता है. मैं भारत सरकार से अपील करता हूं कि सिल्ट मैनेजमेंट हेतु नीति बनायी जाय. उन्होंने कहा कि तत्काल केन्द्र सरकार को एक बार स्वयं आकर पूरी स्थिति को देखना चाहिये तो उन्हें सही कारण का पता लग जायेगा. इसके लिये केन्द्र सरकार को सोंचना चाहिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि डा मनमोहन सिंह की सरकार थी तब भी और नरेन्द्र मोदी की सरकार है तब भी मेरे द्वारा यह सवाल निरंतर उठाया जा रहा है. सिल्ट डिपॉजिट हटाने का एकमात्र रास्ता है, फरक्का डैम को हटाना। इसके अलावा कोई और रास्ता है तो केन्द्र सरकार बताये तथा उस पर काम करे. उन्होंने कहा कि सिल्ट मैनेजमेंट/सिल्ट हटाये जाने का कार्य आवश्यक है. गंगा नदी में सिल्ट जमा होने से रोकने का उपाय केन्द्र सरकार निकाले, नहीं तो आने वाले वर्षों में और भयावह स्थिति हो सकती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सबलोग पूरी तरह अलर्ट हैं. सभी स्थिति पर नजर रखी जा रही है.

समीक्षा बैठक में जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, आपदा प्रबंधन मंत्री चन्द्रशेखर, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक पी0के0 ठाकुर, प्रधान सचिव गृह आमिर सुबहानी, प्रधान सचिव आपदा प्रबंधन ब्यासजी, प्रधान सचिव जल संसाधन अरूण कुमार सिंह, संबंधित विभागों के प्रधान सचिव/सचिव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

 

LEAVE A REPLY