पेट्रोल-डीजल पर बढा टैक्स,छपरा को नगर निगम का दर्जा,कैबिनेट के फैसले

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निशिकांत सिंह.पटना.बिहार में पेट्रोल-डीजल पर कर में बढोतरी की गई है.इसके अलावा छपरा को नगर निगम का दर्जा देने सहित कुल 16 एजेंडों पर कैबिनेट द्वारा निर्णय लिए गये.

मुख्य सचिवालय के सभागार में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के प्रधान सचिव, ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि वाणिज्य-कर विभाग के अन्तर्गत डीजल एवं पेट्रोल के कर की दरों में वृद्धि करने की स्वीकृति दी गई. तदनुसार वर्तमान में डीजल पर 18 प्रतिशत की कर दर को बढ़ाकर 19 प्रतिशत कर दिया गया है तथा पेट्रोल की वर्तमानमान कर दर को 24.5 प्रतिशत से 26 प्रतिशत कर दिया गया है. नगर विकास एवं आवास विभाग के अन्तर्गत सारण जिलान्तर्गत छपरा नगर परिषद को नगर निगम घोषित करने की स्वीकृति दी गई.

प्रधान सचिव ने बताया कि वित्त विभाग के अन्तर्गत बिहार गृह रक्षा वाहिनी सेवा के समादेष्टा संवर्ग के वेतनमान के संबंध में स्वीकृति दी गई. मंत्रिमंडल ने जल संसाधन विभाग के अन्तर्गत माननीय उच्च न्यायालय, पटना द्वारा विभिन्न रिट याचिकाओं एवं उनसे उद्भूत अवमाननावाद के मामलों में बिहार राज्य निर्माण निगम लिमिटेड, पटना के सेवानिवृत्त कर्मियों के बकाये वेतनादि एवं सेवान्त लाभ के भुगतान हेतु रूपये 1,34,41,000.00 (एक करोड़ चैंतीस लाख एकतालीस हजार) मात्र की बिहार आकस्मिकता निधि से अग्रिम की स्वीकृति दी गई.  वाणिज्य-कर विभाग के अन्तर्गत ‘गुटरूँ-गुटरगूँ’ हिन्दी चलचित्र को मनोरंजन कर से विमुक्त करने की स्वीकृति दी गई. आपदा प्रबंधन विभाग के अन्तर्गत बिहार राज्य के जिलों में भूकम्परोधी घरों के निर्माण तथा पुराने घरों के रेट्रो फीटिंग के लिए नागरिकों को तकनीकी परामर्श एवं सहायता उपलब्ध कराने संबंधी विशेष सेल के गठन की स्वीकृति दी गई। विधि विभाग के अन्तर्गत राज्य के ग्यारह न्यायमंडलों के लिए कुल 28 गाड़ियों के क्रय हेतु 2,52,00,000/-(दो करोड़ बावन लाख) रूपये बिहार राज्य आकस्मिकता निधि से अग्रिम की स्वीकृति दी गई.

उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग के अन्तर्गत राज्य के विश्वविद्यालय तथा अंगीभूत महाविद्यालयों के पुस्तकालय सहायक, शौर्टर, पत्राचार लिपिक एवं दिनचर्या लिपिक जो मूल स्वीकृत पद पर विहित शैक्षणिक योग्यता के आधार पर विधिवत रूप से नियुक्त होकर नियमित रूप से कार्यरत हों को 01.01.1996 से वैचारिक रूप से रू० 4000-6000/-का वेतनमान एवं 01.04.1997 के प्रभाव से उक्त वेतनमान का आर्थिक लाभ प्रदान करने एवं तद्नुसार वेतन भुगतान की स्वीकृति प्रदान की गई। स्वास्थ्य विभाग के अन्तर्गत डा० उदय कुमार, चिकित्सा पदाधिकारी, प्रा०स्वा०केन्द्र, नीमचक बथानी, गया, डा० जरीना प्रवीण, तत्कालीन चिकित्सा पदाधिकारी, प्रा०स्वा०केन्द्र, चौसा, बक्सर, और डा० सुनील कुमार सिंह, तत्कालीन चि० पदा०, प्रा० स्वा० केन्द्र, खड़गपुर, मुंगेर को लगातार पाँच वर्षों से अधिक अनाधिकृत अनुपस्थिति के आरोप में बिहार सेवा संहिता के नियम-76 के तहत सेवा से बर्खास्त करने के प्रस्तावों की स्वीकृति दी गई.

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