हंगामें की भेंट चढ़ा मॉनसून सत्र का अंतिम दिन,नीतीश ने माना सफल सत्र

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निशिकांत सिंह.पटना. हंगामे की भेंट चढ़ा विधानमंडल के मॉनसून सत्र का अंतिम दिन.दलित छात्रों पर हुए लाठी चार्ज के मुद्दे पर हंगामे के साथ बिहार विधानमंडल बैठक को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. इस सत्र में कुल 13 विधेयकों को पारित किया. सत्र के समापन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह सत्र ऐतिहासिक रहा. कम अवधि में कुल तेरह विधेयकों को मंजूरी देना कोई साधारण बात नहीं है. मुख्यमंत्री ने कहा कि आतंकवाद से किसी तरह का कोई समझौता नहीं. साथ ही केंद्र पर हमला करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय रिश्ते पर केंद्र को पहल करनी चाहिए. .

मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी का हम समर्थक है और बिहार विधानसभा में हम पारित करवाऐंगे. अभी तो राज्यसभा से पारित हुआ है,उसके बाल लोकसभा से पारित होगा,तब राज्यों के पास आएगा.

मॉनसून सत्र के अंतिम दिन विधानसभा और विधानपरिषद में आज दिनभर हंगामा होते रहा.भोजनावकाश के पहले और फिर दोपहर भोजनावकश के बाद भी हंगामा नहीं थमा. बेल में विपक्ष रहा. यहां तक कि इस बार पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी, डा. प्रेम कुमार व नंदकिशोर यादव भी बेल में धरना पर बैठे रहे. सदन की कार्यवाही पहले दोपहर भोजनावकाश के बाद व उसके बाद 3 बजकर पचास मिनट तक के लिए स्थगित करनी पड़ी. लेकिन उसके बाद भी विपक्ष नहीं माना तो हंगामे के बीच ही बिल को मंजूरी दे दी गई.बाद में विपक्षी सदस्य विधानसभा के पोर्टिको में धरना पर बैठ गए.

विधानपरिषद में भी दलित मुद्दे पर हंगामा हुआ. भाजपा द्वारा कार्यस्थन प्रस्ताव दिया गया जिसे नांजूर कर दिया गया. भाजपा के सारे सदस्य बेल में आ गए. वहीं जदयू के नीरज कुमार ने गुजरात में दलितों पर हुए अत्याचार का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि कहां गया गुजरात में उनका दलित प्रेम. नीरज कुमार ने कहा कि भाजपा का दलित प्रेम पाखंड, ढोंग, एवं प्रतिभावान दलित छात्रों के हितों पर कुठाराघात करनेवाला है.

उधर सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कल दलित छात्र जो तकनीकि शिक्षा ग्रहण करने के लिए नीजी व सरकारी संस्थानों में एडमिशन लिए पहले वर्ष में सरकार ने पूरा पैसा दिया उसके बाद सरकार ने कटौती कर दी. जिससे लाखों छात्रों के भविष्य पर खतरा हो गया है. छात्रों को कॉलेज से निकाल दिया गया. उन्होंने कहा कि पहले तो सरकार ने मेला लगाकर एडमिशन करवाया. उसमें कई फर्जी कॉलेज और छात्र एडमीशन ले लिए, सरकार ने उसकी जांच तो कि नहीं, न हीं किसी की गिरफ्तारी की, उल्टा सरकार द्वारा दी जाने वाली छात्रवृति को रोक दिया गया.

कुल मिलाकर आज अंतिम दिन सदन की कार्यवाही हंगामे की भेट चढ़ गई. विधायी कार्य निपटाने के बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दिया गया.

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