शराबबंदी से संबंधित विधेयक विधानसभा में पारित

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Nitish-Kumar-1

प्रमोद दत्त.पटना.एनडीए सदस्यों के विरोध व वाकआउट के बीच विधान सभा में लगभग तीन घंटे की बहस के बाद शराबबंदी से संबंधित विधेयक पास हो गया.विपक्ष ने कुल 17 संशोधन प्रस्तुत किए थे,जिसे अस्वीकृत किया गया.बहस के बाद मुख्यमंत्री ने विपक्षी सदस्यों के एक-एक सवाल का जवाब देते हुए कहा- मैं नष्ट हो जांऊ या बरबाद हो जांऊ पूर्ण, शराबबंदी से पिछे नहीं हटूंगा.मेरा सामाजिक मुद्दे पर जो कमिटमेंट है वह अगर किसी की नजर में नशा है तो है यह नशा.

मुख्यमंत्री ने ताड़ी को तत्काल इस कानून की परिधि से तब तक बाहर रखा गया है जबतक ताड़ी के विकल्प की योजना धरातल पर नहीं आ जाती.उन्होंने सदन को बताया कि ताड़ी के विकल्प के रूप में नीरा एवं नीरा प्रोडक्ट,ताड़ के पत्तों का प्रोडक्ट आदि पर काम पूरा नहीं हो जाता तबतक ताड़ी के व्यवसाय से जुड़े लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं.भांग पर उन्होंने कहा कि इसके भी पहले से कानून है कि जो इसकी खेती करगें वे कानून के दायरे में आएंगे लेकिन इसी तरह जो उग आते हैं वह कानून के दायरे में नहीं आऐंगे.

नीतीश कुमार ने सदन में विरोध कर रहे विपक्षी सदस्यों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पिछले बजट सत्र में जब सभी सदस्यों ने शराबबंदी पर संकल्प लेते हुए यह कहा था कि पूर्ण शराबबंदी पर सरकार के हर निर्णय के साथ हैं तो आज क्या हो गया.नए कानून में जिन सख्तियों पर चिंता जाहिर की जा रही है वे प्रावधान कोई नया नहीं है.इसमें से अधिकांश 1915 के कानून में ही है.जहां तक परिवार के सदस्यों का सवाल है वह स्थिति अब है कहां-पिछले चार माह में स्थिति बदली है अब शराब मिल ही नहीं रही है.अब जो शराब रखे हैं इसका मतलब है कि वे कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं.

एनडीए सदस्यों की अनुपस्थिति में मुख्यमंत्री ने भाजपा और आरएसएस पर प्रहार करते हुए कहा कि शराबबंदी पर आरएसएस का क्या स्टैंड है वह सामने आना चाहिए.मुख्यमंत्री के रूप में गुजरात में शराबबंदी को जारी रखनेवाले नरेन्द्र मोदी से जानना चाहता हू कि उनके लोगों का नजरिया क्या है.

इससे पहले विधेयक पर हुई चर्चा में प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार, जीतनराम मांझी,नंदकिशोर यादव,संजय सरावगी,ललन पासवान,विजय कुमार सिंहा,राघवशरण पाण्डेय,मिथिलेश तिवारी,महबूब आलम ने हिस्सा लिया.नंदकिशोर यादव ने इस मुद्दे पर सरकार पर जमकर प्रहार करते हुए विधेयक को तालिबानी कानून बताया.चर्चा के बाद एनडीए सदस्यों ने मुख्यमंत्री के जवाब का बायकाट किया.बाद में एनडीए विधायकों का प्रतिनिधि मंडल राजभवन मार्च किया और शराबबंदी से संबंधित विधेयक के विरोध में ज्ञापन सौंपा.

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