बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सीएम ने किया हवाई सर्वेक्षण

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निशिकांत सिंह.पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया. सबसे पहले सुबह में मुख्यमंत्री ने गंगा एवं गंडक क्षेत्रों के बाढ़ प्रभावित जिलों, वैशाली, मोतिहारी, गोपालगंज, बेतिया, छपरा का हवाई सर्वेक्षण किया और गंडक नदी क्षेत्र में नेपाल में अतिवृष्टि होने के कारण बढ़े जलप्रवाह को देखा.

पुनः दूसरे चरण में मुख्यमंत्री ने बाढ़ की स्थिति का हवाई सर्वेक्षण करने के लिये भागलपुर, कटिहार, पूर्णिया, अररिया एवं किशनगंज का दौरा किया. महानंदा, कनकई, रेतुआ, परमान, मेची, बकरा आदि नदियों में नेपाल की ओर से काफी मात्रा में जलप्रवाह होने के कारण सभी जिलों में जल का काफी प्रवाह है, जिससे लगभग 25 लाख की आबादी प्रभावित है. बाढ़ के पानी से ग्रामीण सड़कों के कट जाने के कारण आवागमन बाधित हुआ है. उल्लेखनीय है कि नेपाल स्थित जल संग्रहण क्षेत्र में एक हजार मिमी से अधिक वृष्टि होने के कारण जल प्लावन हुआ है.

मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी प्रभावित परिवारों को अविलम्ब सूखा राशन एवं जहां पके हुये भोजन की व्यवस्था की जा सकती है वहां सामुहिक किचेन चलाकर पका पकाया भोजन बाढ़ प्रभावित परिवारों को उपलब्ध कराया जाय. उन्होंने निर्देश दिया कि जिन गांवों का सम्पर्क टूट गया है, उन सभी गांवों में नाव के माध्यम से तत्काल सम्पर्क स्थापित कराया जाय और इन सभी जिलों में उपलब्ध एनडीआरएफ/ एसडीआरएफ के माध्यम से राहत का वितरण सुनिश्चित कराया जाय. साथ ही बीमार एवं अस्वस्थ लेागों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लाकर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जाय.

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सभी बाढ़ प्रभावित लोगों का सर्वेक्षण अविलंब सुनिश्चित कराया जाय ताकि उन्हें आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा निर्धारित मानक के अनुरूप विभिन्न तरह का अनुदान उपलब्ध कराया जा सके. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि गृह क्षति एवं फसल क्षति का आकलन भी अभियान चलाकर पूर्ण कराया जाय.

समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि इन जिलों में दो सौ से अधिक राहत केन्द्र चलाये जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने वहां स्वच्छता एवं अच्छे भोजन का प्रबंध किये जाने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने पेयजल की शुद्धता के लिये सभी जिलों में पूर्व से उपलब्ध हैलोजन टेबलेट के समुचित वितरण का भी निर्देश दिया. उन्होंने बाढ़ के कारण मानव एवं पशु दवा की पर्याप्त उपलब्धता भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. उन्होंने बाढ़ के कारण बिजली के संचरण पर पर्याप्त अनुश्रवण रखने का निर्देश दिया ताकि तार टूटने या स्र्पशाघात से कोई घटना न हो.

प्रातः काल के हवाई सर्वेक्षण के दौरान मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, प्रधान सचिव जल संसाधन अरूण कुमार सिंह तथा मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार मौजूद थे. जबकि दूसरे चरण के हवाई सर्वेक्षण के दौरान मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, प्रधान सचिव आपदा प्रबंधन ब्यासजी एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार मौजूद थे.

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