बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार को मिलने लगा रिस्पॉंन्स

2825
0
SHARE

bb5e8ad5-c076-4d22-b959-caf4510939e1

संवाददाता.पटना. बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम को लागू हुए मात्र तीन से चार दिन हुए है लेकिन पूरे राज्य में अब तक 3302 आवेदन प्राप्त हुए हैं.इसमें 358 आवेदन ऑनलाइन पोर्टल के जरिए मिले हैं.राज्य सरकार द्वारा 5 जून 2016 को जारी इस कार्यक्रम को काफी सफल माना जा रहा है।

सूचना भवन के ‘संवाद’ कक्ष में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए विभागीय प्रधान सचिव डा एस सिद्धार्थ ने उपर्युक्त जानकारी दी। उन्होंने इस अवसर पर पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के जरिए बताया कि घर बैठे आवेदन करने से लोगों को अपनी शिकायत के लिए सुगम अवसर प्राप्त हो गया है जिसका इस्तेमाल वखूबी कर रहे हैं। उन्होंने पूरे राज्य में आवेदन के  ऑनलाइन स्रोत के बाद राज्यस्तरीय लोक शिकायत प्राप्ति केन्द्र पर सर्वाधिक 338 उसके बाद पटना में 249 तथा गया में 144 आवेदन सहित सभी जिलावार स्थितियों की भी जानकारी दी। साथ ही इसे और सुगम बनाए जाने हेतु इसके लिए कियोस्क तथा एंड्रायड एप कनेक्षन भी 2 माह के भीतर विकसित किए जाने की जानकारी उन्होंने दी।

डा सिद्धार्थ ने बताया कि 28 अगस्त,2015 में लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम की अधिसूचना निर्गत थी तत्पष्चात् वर्ष, 2016 में नियमावली बनने पर 5 जून, 2016 को बाकायदा मुख्यमंत्री द्वारा इसे जारी किया गया जिसके बाद 6 जून, 2016 से अनुमंडल से लेकर जिलों तथा राज्यस्तरीय लोक शिकायत प्राप्ति केन्द्रों पर आवेदन लिए जा रहे हैं। इस नियमावली के तहत 7 दिनों के अंदर सुनवाई तथा 60 दिनों में मामले के निष्पादन की  नियत अवधि के संदर्भ में डॉ सिद्धार्थ ने जानकारी दी  कि 6 जून का लिए गए शिकायती आवेदनों पर 14 जून, 2016 को पहली सुनवाई आरंभ होगी। इसके निर्णयों को ऑनलाइन डाउनलोड भी किया जा सकेगा।

डा सिद्धार्थ ने उक्त अधिनियम की पूरी प्रक्रिया को विसतार से बताया तदनुसार अनुमंडल स्तर पर अनुमंडलीय लोक षिकायत निवारण पदाधिकारी द्वारा की गई सुनवाई के विरूद्ध प्रथम अपील हेतु अपर समाहर्ता, द्वितीय अपील हेतु संबधित जिला पदाधिकारी तथा पुनरीक्षण हेतु संबंधित प्रमंडलीय आयुक्त चिन्हित है। इसी तरह जिलास्तर पर जिला लोक षिकायत प्राप्ति केन्द्रों में प्रतिनियुक्त अपर समाहर्ता के ऊपर प्रथम अपील संबंधित प्रमडलीय आयुक्त, द्वितीय अपील संबंधित विभागीय सचिव/ प्रधान सचिव तथा पुनरीक्षण हेतु विभागीय जांचायुक्त को शक्ति प्रदत्त है। क्रमेण राज्यस्तरीय लोकषिकायत प्राप्ति केन्द्र पर प्रतिनियुक्त उप सचिव के ऊपर प्रथम अपील संबंधित विभाग के संयुक्त /अपर /विषेष सचिव, द्वितीय अपील संबंधित विभागीय सचिव/प्रधान सचिव तथा पुनरीक्षण हेतु विभागीय जांचायुक्त को शक्ति प्रदत है। उन्होंने बताया कि अनुमंडल स्तरीय केन्द्र पर अनुमंडलस्तर अथवा इससे नीचे के सभी लोक प्राधिकारों के स्तर पर निवारण होने वाले परिवाद (अनुमंडल पदाधिकारी तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सहित), जिला लोक शिकायत प्राप्ति केन्द्र पर जिलास्तर अथवा इससे नीचे परंतु अनुमंडल स्तर के  ऊपर के लोक प्राधिकारों के स्तर पर निवारण होने वाले परिवाद तथा विभागीय लोक शिकायत प्राप्ति केन्द्र जो सूचना भवन, पटना परिसर में अवस्थित है वहाँ जिलास्तर से ऊपर के लोक प्राधिकारों के स्तर पर निवारण होने वाले परिवाद लिए जाएँगे।

डा सिद्धार्थ  ने बताया कि आम जन की सुविधा हेतु जारी इस कानून के तहत कोई भी कहीं से किसी कार्यालय में परिवाद दायर कर सकता है, क्षेत्राधिकार के अनुसार कार्यालय उसका अंतरण करेगा। साथ ही परिवाद दायर करने के विभिन्न माध्यमों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के कार्यालय के निर्धारित लोक शिकायत प्राप्ति केन्द्र पर प्रपत्र-1 में अथवा सादे कागज मे परिवाद दिया जा सकता है या डाक द्वारा अथवा इलेक्टानिक माध्यमों यथा- ई मेल, ऑनलाइन पोर्टल, मोबाईल एप, एस0एम0 एस0 के द्वारा अथवा कॉल सेंटर के द्वारा परिवाद दायर किया जा सकता है। इस कानून के  तहत आर0 टी0 आई तथा आर0टी0 पी0एस0 में दी जा रही सेवाओं, सरकारी सेवा एवं अदालत में चल रहे मामलों संबंधित परिवाद नहीं लिए जाएँगे यह जानकारी भी उन्होंने दी।

मौके पर अपर निदेशक, बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसायटी डा0 प्रतिमा एस0 वर्मा ने जानकारी दी कि सभी अनुमंडलों जिलों सहित राज्यस्तर पर भी लोक शिकायत  प्राप्ति केन्द्र 6 जून से कार्यरत हैं तथा वहाँ स्टाफ भी प्रतिनियुक्त है।

LEAVE A REPLY