खाली पड़ी जमीन पर खेती करेंगे रेलकर्मी

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दानापुर रेल मंडल की समस्याओं को लेकर  नए डीआरएम रमेश कुमार झा से सुधीर मधुकर ने लंबी बातचीत की.यहां प्रस्तुत है उसके अंश…….

प्र.- दानापुर रेल मंडल गाड़ियों के लेट लतीफ़ के लिए  जाना जाता है . इस चुनौती का सामना आप कैसे करेंगे ? इससे नाराज पूर्व रेल मंत्री नीतीश कुमार को एक साथ  तीन बड़े रेल अधिकारियों को जोन से बाहर स्थानांतरण करने का निर्देश देना पड़ा था ,.बावजूद आज भी यह समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है.

     दानापुर मंडल में प्रतिदिन करीब 2.75 लाख यात्री यात्रा करते हैं. इस के लिए गाड़ियां समय पर सुरक्षित चले ,यह रेल की प्राथमिकता होती है. इस के लिए एक कार्य योजना तैयार किया गया है. इस योजना के तहत कई स्टेशनों पर लूप लाईन के साथ पैनल  इन्टरलॉकिंग का काम किया जाएगा. रेल पटरियों की निरंतर पेट्रोलिंग कर इस की मरम्मती और नवीकरण किया जा रहा है द्य पटना पर से दिन प्रतिदिन  गाड़ियों के बढ़ते दवाब को कम करने के लिए ,आगामी 01 जनवरी को और भी आधा दर्जन जोड़ी ट्रेनों को टर्मिनल बदल कर चलाया जायेगा.  रेल पटरियों पर धरना-प्रदर्शन आम हो गया है, इसे सभी  को समझने की जरुरत है.इस सब के लिए यात्रियों से अपील है कि अनावश्यक रूप से चेनपुलिंग ना करें .इस से एक ओर जहां यात्रियों को ही परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वहीं दूसरी और रेल गाडियों को  समय पर सुरक्षित चलाना मुश्किल हो जाता है.इस कार्य में लापरवाह रेल कर्मचारी हों या अधिकारी , बक्शे नहीं जायेंगे

प्र. खास कर गुरुगोबिंद सिंह की आगामी 350 वीं जयंती  को ध्यान में रख कर पटना साहिब स्टेशन और पटना घाट स्टेशन को किस रूप में विस्तारित करने की योजना है ?

    इसके लिए करीब 6 करोड़ की राशि से पटना साहिब और 9 करोड़ से 32,000 वर्गमीटर जमीन में पटना घाट का विस्तारीकरण किया जायेगा.  बाद में पटना घाट को टर्मिनल के रूप में काम लाया जाएगा. जहां तीर्थ यात्री पटना के वजाय सीधा पटना घाट स्टेशन तक ट्रेन से जायेंगे.

 प्र. पटना स्टेशन को वर्ल्ड क्लास बनाने की जो घोषणा की गई, इस संदर्भ में क्या हो रहा है.

   -मंडल के सब से भीड़ वाले वाले पटना स्टेशन पर आधुनिक और वेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए तेजी से काम हो रहा है. सितम्बर तक  पटना स्टेशन में वाई फाई, दिसंबर तक एग्जीक्यूटिव लाऊँस , पीने के लिए आरो का पानी ,रोगियों के लिए दो एम्बुलेंस, और विश्रामालय के सात कमरों को वातानुकूलित किया जा रहा है. इस स्टेशन पर दो स्वचालित सीढी लगाई गई है.शेष  और भी चार और स्वचालित सीढ़ी और लिफ्ट लगाया जायेगा. यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रख कर यहां के सभी फुटओवर ब्रिज के  5 जगहों पर दिल्ली की तरह ट्रेन कोच इंडीकेशन बोर्ड मार्च’16 तक लगाया जाएगा.

प्र- पटना और राजेन्द्र नगर स्टेशन के पास अपनी खाली जमीन नहीं होने से अब मंडल मुख्यालय स्थित दानापुर स्टेशन को वर्ल्ड क्लास स्टेशन बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है. लेकिन इसे लेकर अभी तक कुछ भी नजर नहीं आ रहा है.

उ- यह सही है कि पटना और राजेन्द्र नगर में ट्रेन और यात्रियों का दवाब काफी बढ़ गया है. जमीन के अभाव में  कुछ भी संभव नहीं है. इसलिए दानापुर स्टेशन को विस्तारित करने की योजना है. इसके लिए प्रथम चरण में करीब तीन करोड़ राशि उपलब्ध कराई गई है. इस राशि से स्टेशन के दूसरे भाग दक्षिण में दो मंजिला टिकट और आरक्षण भवन , सर्कुलेटिंग एरिया , खान-पान , पीने का पानी , शौचालय आदि का काम मार्च’16 तक पूरा होगा. फिलहाल दो टिकट काउंटर यात्रियों की असुविधा को ध्यान में रख कर चालू कर दिया गया है.

प्र. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान को एक मिशन के रूप में चलाया है. मंडल के  स्टेशन परिसर और रेलगाड़ियों की साफ सफाई को लेकर क्या आप संतुष्ट हैं ?

-स्टेशन परिसर और रेलगाड़ियों की साफ सफाई के लिए  सख्त निर्देश है कि , गंदगी नजर नहीं आनी चाहिए.  इसके लिए कुछ बाहरी एजेंसी को भी काम पर लगाया गया है. इसकी निरंतर  निगरानी के लिए टीम भी बनी है. इसमें यात्रियों से अपील भी है  कि स्टेशन और रेलगाड़ियों में गंदगी नहीं फैलाएं और इसे स्वच्छ रखने में अपना सहयोग दें.

प्र. मंडल की खाली पड़े जमीन को अतिक्रमण से बचाने और रेल की आय बढाने की दिशा में क्या किया जा रहा है ?

   – मंडल के परती जमीन को अतिक्रमण से बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण कार्य योजना पर काम किया जा रहा है. परती जमीन को रेलकर्मचारियों को खेती के लिए दिया जा रहा है. इस से रेलकर्मियों की आर्थिक  स्थिति में जहां सुधार होगा, वहीं जमीन पर अतिक्रमण भी नहीं होगा और रेलवे को आय भी होगी.

प्र. दानापुर स्टेशन के पूर्वी गुमटी के ऊपर निर्माणाधीन रोड ओवर ब्रिज के कारण आये दिन भारी जाम लगने से एक ओर जहाँ आवागमन प्रभावित हो रहा है वहीं सड़क दुर्घटना में अब तक सैकड़ों लोग जान गवां चुके हैं ऐसा कब तक रहेगा ?

   – आगामी दिसम्बर तक इसका निर्माण कार्य पूरा होगा. इसके पहले दक्षिण में फुलवारीशरीफ और उत्तर में नहर वाली रेल ऊपरी सड़क सितम्बर तक चालू कर दिया जाएगा ताकि लोग परेशानियों से बच सकें.

प्र.  सांस्कृतिक धरोहर एनसी घोष इंस्टीच्यूट के किराये को बढ़ा कर  5000-6000 तक किराया कर दिया गया जिससे तीन वर्षों से यहाँ की सांस्कृतिक गतिविधियाँ पूरी तरह से ठप हो गयी. वहां सुविधाएं भी नहीं है.नतीजतन स्थानीय  प्रतिभाएं दम तोड़ रही हैं. यही हाल मंडल में खिलाडियों की भी है.

  – हम और हमारा परिवार खगौल में काफी समय तक  रहे हैं. इसलिए यहां की हर गतिविधियों से परिचित हैं. हमें भी संस्कृति और खेल-कूद से काफी लगाव है. हम किसी भी हाल में प्रतिभाओं को निराश होने नहीं देंगे. रेल में इसके लिए एक वार्षिक केलेंडर बना कर गतिविधियों को बढाया जाएगा.जो भी कमियां है उसे दूर की जायेगी.मंडल सांस्कृतिक संघ को स्थायी कमरा शीघ्र उपलब्ध करा दिया जाएगा. गतिविधियां बढे इसके लिए खासकर व्यवसायिक संस्थाओं केलिए एक से डेढ हजार किराया एनसी घोष का किया जाएगा.ऐसी संस्थाओं को भी अब अपनी सक्रियता बढ़ानी चाहिए. .

प्र- खिलाड़ियों और कलाकारों की शिकायत हमेशा से इस बात को लेकर है कि रेलवे कार्यक्रमों और प्रतियोगिता के लिए रेलवे आदेशों के बाबजूद उसे रिहलसल और कार्यक्रम में शामिल होने के लिए छुट्टी नहीं दी जाती है.  सब से दुःख इस बात को लेकर है कि इसके लिए अधिकारी उसे हतोत्साहित ही नहीं करते हैं मानसिक रूप से प्रतारित भी करते हैं.

  – हमारे रेलवे कलाकार और खिलाड़ी रेल का ही नाम ऊंचा कर रहे हैं तो उसे सम्मान मिलना ही चाहिए. प्रावधान के अनुरूप छुट्टी भी मिलनी चाहिए. इस पर गंभीरता से विचार किया जाएगा.

प्र. मंडल मुख्यालय स्थित वी एन शर्मा इंस्टीच्यूट का जीर्णोधार कर वहाँ फुटबॉल,बैडमिन्टन कबड्डी आदि का मैदान भी बनाया गया है. साथ में काफी समय से बंद और जर्जर रेलवे सिनेमा हॉल खाली पड़ा हुआ है अगर इसका भी जीर्णोधार कर दिया जाय तो खेल-कूद के साथ एक साथ स्कॉट एंड गाईड और सांस्कृतिक गतिविधियों का यह एक हब बन सकता है.

उ – -सही बात है. निश्चित रूप से रेलवे सिनेमा के जीर्णोधार को लेकर गंभीरता से विचार किया जाएगा ताकि यहां कि सांस्कृतिक धरोहर को प्रोत्साहित कर बचाया जा सके.

प्र- डीआरएम् कार्यालय परिसर में रेलवे का अपना केंटिन है ,पर इस में बाकी चीजें तो क्या मामूली चाय भी नहीं मिलती है. इसके लिए उसे कार्यालय से बाहर फुटपाथी दुकानों का सहारा लेना पड़ता है. इससे कहीं न कहीं कार्यालय कामों पर भी असर पड़ता है. मांग है कि अगर रेलवे खुद इसको चलाने में सक्षम नहीं है तो आईआरसीटीसी या किसी अच्छे मान्यता प्राप्त एजेंसी को चलाने के लिए दे देना चाहिए. कम से कम नास्ता और खाना साफ-सुथरा और सही मिलेगा.

उ – इस पर निश्चित रूप से विचार कर कर्मचारियों के हित में शीघ्र समाधान निकाला जाएगा.

प्र-  रेलवे कॉलोनियों में जलजमाव , जंगल झाड़ी, जर्जर सड़कों , पीने का शुद्ध पानी ,गंदगी जैसी समस्याओं को लेकर रेलकर्मचारियों में आक्रोश है द्य

उ- मैंने आते के साथ इस पर सम्बंधित अधिकारियों के साथ बैठक की है. इस पर काम हुआ भी है. स्थानीय नेउरा कोलोनी को आदर्श कोलोनी बनाया जा रहा है. बाकी कोलोनियों में भी सड़क आदि का काम किया जा रहा है.

प्र- दानापुर रेल मंडल अस्पताल अपनी उपयोगिता धीरे धीरे खो रहा है. समुचित ईलाज और दवा नहीं मिलने की शिकायत आम है. मुख्यालय में करीब 20 चिकित्सकों में मात्र तीन ही रहते हैं. बाकी डाक्टर मुख्यालय से बाहर रहते हैं. इसके कारण 5 बजे संध्या के बाद रोगी राम भरोसे रहते हैं.

उ- हमने आते ही पहले इसी अस्पताल का निरिक्षण किया, रोगियों को समुचित ईलाज और दवा मिले, इसके लिए सख्त निर्देश भी दिया गया है.इस में किसी तरह की शिकायत मिलने पर कार्रवाई भी की जायेगी.

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